बिहार के समारोहों में हर्ष फायरिंग पर रोकथाम

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बिहार में शादी समारोह हो या अन्य सामाजिक आयोजन, सभी में हर्ष फायरिंग और हथियार के प्रदर्शन की पुरानी परंपरा रही है। हर्ष फायरिंग में अबतक कितने ही लोगों की जान जा चुकी है। पुलिस ने इससे निपटने के लिए सख्त रणनीति तय की है। अब अगर शादी, मुंडन या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में हथियार लहराया तो पुलिस हत्या या हत्या के प्रयास का आरोपी बना सकती हैं।

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बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक, विधि व्यवस्था संजय कुमार सिंह ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी कर हथियारों के प्रदर्शन पर रोक लगाने और इसके लिए जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है। संजय कुमार सिंह ने कहा है कि अकारण हथियारों का प्रदर्शन करने की प्रवृति बहुत ही घातक है।उन्होने कहा है कि लाइसेंसी हथियारों के रख-रखाव को लेकर स्पष्ट निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं इसके बाद भी अगर शादी समारोह या अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में हथियारों के प्रदर्शन किया जाता है तो उसपर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

पुलिस खासकर रोहतास, भोजपुर, गोपालगंज समेत अन्य भोजपुरी बोली जाने वाली इलाकों में ऐसी घटनाओं पर खास नजर रख रही है जबकि औरंगाबाद, अरवल, खगड़िया, पूर्णिया और भागलपुर को भी चिन्हित किया है। बिहार में इस साल जनवरी महीने से 14 नवंबर तक हर्ष फायरिंग के 86 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ग्रामीण इलाकों में चौकीदार एवं स्थानीय मुखबिरों के जरिए इससे जुड़ी खुफिया सूचनाएं जुटा रही है। ऐसे में शादी समारोह और अन्य आयोजनों में हथियार लहराने वाले सतर्क हो जाएं, अब अगर हथियार लहराया तो उनकी खैर नहीं है।

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