उलटफेर का शिकार हुए ओवैसी, तेजस्वी यादव ने खिसका दी जमीन

PATNA 30.06.22 –

बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है. बुधवार को अचानक से ही असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायक राजद में शामिल हो गये. ओवैसी के विधायकों की राजद में एंट्री इतनी गुपचुप तरीके से थी कि किसी को पता भी नहीं चला. नेता प्रतिपक्ष ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों को लेकर विधानसभा अध्य़क्ष विजय सिन्हा के कमरे में पहुंचे और उसके बाद खुद ही सभी के राजद में शामिल होने की पुष्टि की.

तीन महीने के दौरान बिहार में ये दूसरा मौका है जब बिहार में किसी पार्टी के विधायक टूटकर किसी दूसरे दल में जा मिले हों. इससे पहले इसी साल मार्च के महीने में मुकेश सहनी की पार्टी में भी ऐसी ही टूट हुई थी. बिहार सरकार में मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी के सभ विधायकों ने उनका साथ छोड़ दिया था और बीजेपी का दामन थाम लिया. वीआईपी (VIP) के तीन विधायकों राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव ने दलबदल कानून के तहत पार्टी छोड़ी थी और बीजेपी (BJP) में शामिल होने और विधानसभा में वीआईपी का विलय बीजेपी में कराने का पत्र विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को सौंपा था.

तब भी बिहार में हुए इस सियासी उलटफेर की खबर अंतिम समय पर लोगों को लगी थी. कुछ इसी अंदाज में तेजस्वी यादव ने भी दूसरी पार्टी के चार विधायकों को अपने पाले में ले लिया. ओवैसी की पार्टी के चार विधायकों को राजद में शामिल कराकर तेजस्वी यादव ने ये भी मैसेज देने की कोशिश की है कि बिहार में राजद के एमवाई समीकरण में फिलहाल सेंध नहीं लगी है. कारण कि ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के चारो विधायक मुस्लिम हैं जो सीमांचल इलाके से आते हैं. बिहार में एआईएमआईएम के जिन चार चेहरों ने पाला बदला है और राजद में गए हैं उनमें कोचाधामन सीट से विधायक मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट से शाहनबाज आलम, बायसी से रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के विधायक अनजार नईमी शामिल हैं.

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