कुदरत तेरी गजब कहानी-जिले में सूखा -बढ़ रहा गंगा का पानी
सकते में दियारावासी..तेजी से बढ़ रही है गंगा...लाखों की आबादी होती है प्रभावित
कुदरत तेरी गजब कहानी-बक्सर से संदीप वर्मा कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट-28/7/2022-एक तरफ जहां समय से बारिश नही होने के कारण धान की रोपनी पर गहरा असर पड़ा है किसान परेशान है किंतु अन्य क्षेत्रों से लगायत पहाड़ियों में बारिश होने से गंगा में समाहित होने वाली सहयोगी नदियों का जलस्तर बढ़ने से गंगा में भी जलस्तर अब धीमे रफ्तार से बढ़ने लगा है। इस बढ़ते जलस्तर के कारण गंगाजल के रंग में भी बदलाव आने लगा है।
खैर जलस्तर में इतनी भी फिलहाल बढ़ोतरी नहीं है कि गंगा खतरे के निशान को पार कर जाए। किंतु जल स्तर में बढ़ोतरी के कारण गंगा के तटवर्ती रिहायशी इलाकों तथा खेती योग्य भूमि के कटान का खतरा बढ़ जाता है। जिसको लेकर तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ और कटान की आशंका से सिहर उठते हैं। बुधवार को तीन सेंटीमीटर प्रति घंटे के दर से गंगाजल में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो कि चेतावनी बिंदु से लगभग 6 मीटर अभी दूर है।
केंद्रीय जल आयोग के कनीय अभियंता प्रशांत चौरसिया ने बताया कि बुधवार के अपराह्न एक बजे तक गंगा के जलस्तर में तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटा के रफ्तार से बढ़ोतरी दर्ज की गई जो 54.08 रहा जबकि यहां जलस्तर बढ़ने का चेतावनी बिंदु 59.320 है और खतरे का बिंदु 60.320 है। आगे जल आयोग के कर्मियों ने बताया कि बीते वर्ष 30 अगस्त सन 2016 गंगा का जलस्तर डेंजर लेबल तक आ पहुंचा था। अभी अल्प मात्रा में वर्षा से काफी हद तक जलस्तर में राहत देखने को मिल रहा है।