क्या कैबिनेट में खाली होने वाला है एक और पद, जल्दी ही होगी कार्यवाही

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 नीतीश कुमार की कैबिनेट में क्या फिर से एक पद खाली होगा ? क्या नीतीश कुमार ने है जिन्हें हाल ही में संतोष सुमन के कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद मंत्री बनाया था उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाएंगे?  यह बात इसलिए कहीं जा रही है क्योंकि नीतीश कुमार के सबसे कड़वी माने जाने वाले मंत्री श्रवण कुमार ने कहा है कि यदि मंत्री जी पार्टी के विरोध में कुछ बोल रहे हैं तो पार्टी उन पर विचार करेगी और आगे कार्रवाई की जाएगी।

नीतीश कैबिनेट के सबसे भरोसेमंद मंत्री में शामिल श्रवण कुमार ने कहा कि अशोक चौधरी और रत्नेश सादा का मामला क्या है हमने देखा नहीं है।  किसी भी मिनिस्टर के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए इस तरह की बात कही या नहीं उचित नहीं है। इसको लेकर हम लोग बातचीत करेंगे बातचीत से समस्या का हल निकाला जाता है। उसके बाद ही ना किसी पर कार्रवाई होती है। उनकी बातों को लेकर मंत्रिमंडल में हमारे जो सहयोगी हैं उनसे बातचीत की जाएगी। हम लोगों को 2024 के चुनाव पर फोकस करना है यह पुतला दहन और यह सब फालतू की चीजों में उलझना नहीं है।

वही, जेडीयू में गुटबाजी के सवाल पर मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि ऐसी बातें नहीं है। सुशील मोदी को अलग कर दिया रविशंकर प्रसाद को साइड कर दिया ये कौन सा गुट हो गया। यह लोग तो खुद दे दो राम दिला दो राम तो 2024 में वापस से सांसद बना दो राम में लगे हुए हैं।

मालूम हो कि, रत्नेश सदा का ऑडियो वायरल हुआ है। इसमें एक समर्थक उनसे फोन पर बात कर रहा है। समर्थक कह रहा है कि भीम संसद में मंत्री रत्नेश सदा के साथ जो किया गया, वह बेहद गलत किया गया। रत्नेश सदा को भाषण देते समय हाथ पकड़ कर बिठा दिया गया। मंत्री का समर्थक उनसे कह रहा है कि भीम संसद क्या सिर्फ अशोक चौधरी का था। इसमें मुशहर जाति के लोग शामिल नहीं थे। फिर अशोक चौधरी ने ऐसा सलूक क्यों किया? मंत्री का समर्थन उनसे कह रहा है कि अगर हम लोग आगे बैठे होते तो ईंट-पत्थर चला देते।

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वहीं अपने समर्थक से बात कर रहे मंत्री रत्नेश सदा इस वायरल ऑडियो में ये कहते हुए सुने जा रहे हैं कि -अशोक चौधरी का पुतला जलाओ। उसके खिलाफ में लिखो। समर्थक को कम से कम दो बार कह रहे हैं कि मंत्री अशोक चौधरी का पुतला जलाओ।मंत्री अपनी बात को रिपीट भी कर रहे हैं।

यह मामला जेडीयू के भीम संसद से जुड़ा है. 26 नवंबर को पटना में जेडीयू की ओर से दलितों का सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसे भीम संसद का नाम दिया गया था। इसका सारा श्रेय नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ले गये।अशोक चौधरी इस कार्यक्रम के आय़ोजन में जी-जान से लगे थे। कार्यक्रम सफल रहा तो इसका श्रेय उन्हें दिया जा रहा है।जाहिर है जेडीयू के दूसरे मंत्रियों को अशोक चौधरी की वाहवाही रास नहीं आ रही है। लिहाजा अब बात ये हो रही है कि अपनी ही पार्टी के दूसरे मंत्री का पुतला फूंकवाया जाये।

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