गांव में संक्रमण की लहर का प्रभाव कम से कम हो इसलिये ग्रामीण ले रहे हैं कोविड का टीका

532

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

गांव में संक्रमण की लहर का प्रभाव कम से कम हो इसलिये ग्रामीण ले रहे हैं कोविड का टीका

- Sponsored -

- Sponsored -

– लोगों में टीका लेने के लिये सत्र स्थलों पर दिख रहा है उत्साह, लग रही लंबी कतार
– टीका लेने से वंचित लोगों को चिंहित करने के लिये किया जा रहा है सर्वे
आरा, 22 अक्टूबर | जिले में पूर्व की अपेक्षा लोगों में जागरूकता बढ़ी है। जिसके कारण अब सत्र स्थलों पर लोगों की भीड़ तो जुट ही रही है, वहीं, टीका लेने के लिये ग्रामीण इलाकों में लोग सुबह से ही इंतेजार भी कर रहे हैं। ताकि, जल्द से जल्द वह टीके की दोनों डोज लेकर कोरोना के संभावित लहर के प्रभाव से खुद को और अपने परिजनों को सुरक्षित कर सकें। बीते दिनों शहरी व ग्रामीण इलाकों में लोगों को टीकाकृत करने के उद्देश्य से समय समय पर मेगा कैंपेन का आयोजन किया जा रहा है। ताकि, जिले के 18 वर्ष व उससे अधिक उम्र के सभी लाभार्थियों को टीका दिया जा सके। पूर्व में चलाये गये मेगा वैक्सीनेशन कैंपेन में ज्यादातर ग्रामीणों ने टीका की पहली डोज ले ली है। अब उन्हें टीके की दूसरी डोज लेने का इंतेजार है। वहीं, दूसरी ओर राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में टीका लेने से वंचित लोगों को मतदाता सूची के आधार पर चिन्हित किया जा रहा है। ताकि, टीके का लाभा ले से छुटे हुये लोगों को भी टीकाकृत किया जा सके।
संक्रमण की दूसरी लहर के कारण हुई थी काफी परेशानी :
गड़हनी प्रखंड स्थित इचरी पंचायत के मंदुरा निवासी सूर्यदेव चौधरी 68 वर्ष के हो चुके हैं। उन्होंने टीके की दोनों डोज लेकर खुद के कर्तव्य के साथ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा किया। उन्होंने बताया, इस वर्ष जब संक्रमण की दूसरी लहर का जिले में प्रवेश हुआ, तो शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों को भी अपनी चपेट में लेने लगा। जिसके कारण उनके गांव के लोग भी संक्रमित हुये थे। उस समय डर के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर होने लगे थे। रिश्तेदारों, टीवी और अखबारों में केवल संक्रमण और मौत की ही खबरे सुनने को मिलती। जिसके कारण परिवार के सभी लोग डरे हुये थे। लेकिन, सरकार ने टीकाकरण के लिये ग्रामीण स्तर पर कैंप लगाना शुरू किया। जिसकी बदौलत आज आधे से अधिक ग्रामीण टीकाकृत हो चुके हैं। जो एक बड़ी उपलब्धि है।
जानकारी और जागरूकता बढ़ी तो टीका लेने के लिये इच्छाशक्ति की मजबूत :
मंदुरा के ही रहने वाले 38 वर्षीय धर्मेंद्र सिंह ने कहा, पहले टीके को लेकर काफी भ्रांतियां व्याप्त थी। लोग दूसरों को भी टीके को लेकर गलत अफवाहें उड़ाने लगे। जिसके कारण शुरुआती दिनों में टीका लेने से डर लगने लगा। लेकिन, आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी केंद्रों की सेविकाएं लोगों को जागरूक करने लगी। उसके बाद जिले से कई अधिकारी भी आयें और लोगों को टीका लेने के लिये प्रेरित करने लगे। धीरे-धीरे भ्रांतियों समाप्त होने लगी और लोग टीका लेने लगे। उन्होंने बताया, जब टीके को लेकर उनकी जानकारी और जागरूकता बढ़ी, तो उन्होंने टीका लेने के लिये अपनी इच्छाशक्ति को मजबूत किया। टीके की पहली डोज लेने के बाद एक दिन थोड़ी तबियत खराब हुई थी। लेकिन, बाद में सब ठीक हो गया।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More