दिल्ली में दो बड़ी मस्जिदों को हटाने के नोटिस पर वक्फ बोर्ड ने कहा कि कोई अतिक्रमण नहीं, 1945 का कानूनी समझौता है

दिल्ली में दो बड़ी मस्जिदों को हटाने के नोटिस पर वक्फ बोर्ड ने कहा कि कोई अतिक्रमण नहीं

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दिल्ली में दो बड़ी मस्जिदों को हटाने के नोटिस पर वक्फ बोर्ड ने कहा कि कोई अतिक्रमण नहीं

Delhi Waqf Board moved high court against Centre decision to take over 123 Waqf properties said Amanatullah Khan - HC पहुंचा वक्फ बोर्ड की संपत्ति का मामला, अमानतुल्ला बोले- जबरन कब्जा करना चाहता है केंद्र

न्यू दिल्ली: दिल्ली की दो बड़ी और पुरानी मस्जिदों को हटाने का आदेश रेलवे ने दिया था। इन मस्जिदों पर उत्तर रेलवे ने हटाने का नोटिस भेजा था। इस नोटिस में कहा गया था कि मस्जिद को पंद्रह दिनों में स्वयं हटा देना चाहिए, अन्यथा रेलवे हटा देगा।

दिल्ली की बंगाली मार्केट मस्जिद और तकिया बब्बर शाह मस्जिद पर रेलवे ने ये नोटिस लगाए हैं। रेलवे ने इस नोटिस में बताया कि ये उनकी जमीन पर बनाए गए हैं। दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अब इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। वक्फ बोर्ड ने कहा कि 1945 में मस्जिद को एग्रीमेंट के तहत जमीन दी गई थी।

वक्फ बोर्ड ने अपनी प्रतिक्रिया में क्या बताया?

मस्जिद कमेटी का कहना है कि ये मस्जिदे 250 और 500 साल पुरानी हैं। इस मामले में कहा गया है कि काउंसिल में गवर्नर जनरल के मुख्य आयुक्त ने 06.03.1945 को एक एग्रीमेंट के माध्यम से सुन्नी मजलिस औकाफ को ये मस्जिद, जिसके अंदर हुजरे, आंगन, शौचालय, चबूतरे सहित 0.095 एकड़ जमीन दी थी। इस एग्रीमेंट को अतिरिक्त पुस्तक संख्या 1, खंड 95, पृष्ठ 49-51 पर 278 नंबर से दर्ज किया गया है। इस एग्रीमेंट से पता चलता है कि समझौते की तारीख पर हुजरे (कमरे) और एक कुआं और स्नानघर वाली मस्जिद पहले से ही अस्तित्व में थीं।

यह भी ध्यान दें कि संदर्भ के तहत वक्फ संपत्ति 16.04.1970 को दिल्ली प्रशासन के राजपत्र में विधिवत प्रकाशित हुई है। नोटिस में उल्लिखित संपत्ति दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा 05.03.2014 को डिनोटिफाई की गई 123 वक्फ संपत्तियों में से एक है।

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मस्जिद 400 साल पुरानी है, कोई अतिक्रमण नहीं हुआ

जवाब में दिल्ली वक्फ बोर्ड ने यह भी कहा कि मौजूदा मामले में चर्चा की जा रही मस्जिद 400 साल से भी अधिक समय से है। इसलिए, तथ्यों और कानून के विरुद्ध यह कहना कि संदर्भित मस्जिद रेलवे भूमि पर अतिक्रमण है। ये जमीन न तो रेलवे की है और न ही उल्लेखित मस्जिद के अतिक्रमण की है।

उपरोक्त विवरणों और सामग्री को देखते हुए, आप (रेलवे) को सलाह दी जाती है कि संबंधित नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लें या निरस्त करें, और दिल्ली वक्फ बोर्ड को सूचित करें कि नोटिस रद्द कर दिया गया है।

मस्जिदों और मलेरिया विभाग के कार्यालय को भी नोटिस

दिल्ली में रेलवे द्वारा दो बड़ी मस्जिदों को नोटिस देने के मामले में नई जानकारी सामने आई है कि रेलवे ने तकिया बब्बर शाह मस्जिद और बंगाली मार्केट की मस्जिद को ही नोटिस नहीं दिया है, बल्कि नगर निगम के मलेरिया विभाग के ऑफिस को भी 15 दिन में हटाने का नोटिस दिया है। उत्तर रेलवे ने इस मामले में कहा कि वे नोटिस का मालिक हैं, लेकिन कोई बयान देने से इनकार कर दिया है।

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Reported by Lucky Kumari

 

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