इंडिया सिटी लाइव (पटना) –बिहार सरकार के एक बड़े एलान ने फर्जी डिग्री धारी शिक्षकों की नींद उड़ा दी है। राज्य के सरकारी स्कूलों में काम कर रहे 5209 नियोजित शिक्षकों के शिक्षक प्रशिक्षण की डिग्रियों की सरकार अब जांच करवाएगी । फर्जी पाए जाने पर इन शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
गौरतलब है कि निगरानी ब्यूरो ने संदिग्ध डिग्रियों के बारे में शिक्षा विभाग को सूचना दी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए विभाग ने संबंधित शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कराने का फैसला लेते हुए एक उपनिदेशक के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है।
बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग पहले संदिग्ध डिग्रियों का सत्यापन कर दोषी पाये जाने वाले शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने और सेवा मुक्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2015 से ही निगरानी ब्यूरो ऐसे फर्जी डिग्रियों की जांच कर रही है। जांच के बाद फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे हजारों शिक्षक सेवा मुक्त भी किए गए हैं।
सूत्रों की मानें तो निगरानी ब्यृरो की जांच में संदिग्ध पायी गई डिग्रियों में से 80 फीसद डिग्री झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड एवं असम समेत अन्य प्रदेशों के निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की ओर से निर्गत किए गए हैं। निगरानी ब्यूरो की टीम नियोजित शिक्षकों के नियोजन संबंधी दस्तावेजों की जांच कर रही है। अब विभाग के स्तर से संबंधित प्रदेश सरकारों को डिग्रियां भेजकर उसकी जांच कराने की कार्रवाई कर रही है।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 से निगरानी ब्यूरो नियोजित शिक्षकों की बहाली संबंधी दस्तावेजों की जांच कर रही है। जांच के बाद 4456 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।