बिहार में मंकी पॉक्स-PATNA 26.07.22- बिहार में मंकी पॉक्स का एक संदिग्ध मरीज मिलने की खबर है. हालांकि, इसकी पुष्टि अभी नहीं की गई है कि मरीज मंकी पॉक्स का ही है.
बताया जा रहा है कि इस मरीज के लक्षण काफी हद तक मंकी पॉक्स जैसे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, पीएमसीएच के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की टीम और WHO की टीम इस मरीज का सैंपल लेगी. इसके लिए एसओपी के तहत पूरी गाइडलाइन का पालन कर सावधानी के साथ सैंपल लिया जाएगा. मेडिकल टीम पटना सिटी संदिग्ध मरीज के घर जायेगी और सैंपल लेने के बाद इसे वायरोलॉजी लैब पुणे भेजा जाएगा. तब तक संदिग्ध मरीज की केस हिस्ट्री का पता लगाया जा रहा है.
बता दें कि आज ही स्वास्थ्य विभाग ने राज्य भर के सिविल सर्जन को अलर्ट जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने को कहा है साथ ही राज्य के सभी जिलों के लिए एक विस्तृत गाइडलाइन भी भेजी गई है. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के सिविल सर्जन और सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य और अधीक्षक के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. अपर मुख्य सचिव के अनुसार, अभी बिहार में एक भी केस नहीं मिले हैं बावजूद बाहर से आनेवाले खासकर विदेश यात्रा से लौटने वालों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
बिहार के सर्विलांस अफसर डॉ. रणजीत कुमार ने बताया कि अभी तक राज्य में मंकी पॉक्स के संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है, लेकिन बाकी राज्यों के खतरे को देखते हुए सभी प्रकार से बिहार तैयार है. एसओपी के तहत कहा गया है कि विदेश यात्रा कर लौटने वाले लोगों पर नजर रखी जाए साथ ही लक्षण दिखाई देते ही तुरंत सैंपलिंग कराकर जांच कराई जाए. खासकर ऐसे लोगों पर नजर रखी जाए जो पिछले 21 दिनों में विदेश से लौटे हों.
मंकीपॉक्स के लक्षण इस प्रकार हैं
सभी जिलों को मंकी पॉक्स के लक्षणों के बारे में भी जानकारी दी गई है, ताकि किसी तरह का संक्रमण दिखने पर वह स्वास्थ्य मुखयालय को इसकी जानकारी दे पाए. सिरदर्द होना और बुखार आना, लिंफ नोड्स में सूजन होना, शरीर में दर्द और कमर दर्द होना, ठंड लगना व थकान महसूस होना, चेहरे और मुंह के अंदर छाले होना, हाथों व पैरों में रैशेज होना- जैसे प्रमुख लक्षण हैं.
मरीजों को आइसोलेशन में रखने के निर्देश
राज्य के सभी जिलों से कहा गया है यदि मंकी पॉक्स का कोई भी संक्रमित मिलता है तो तुरंत उसकी संपर्क सूची तैयार की जाए और लक्षण वाले मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाए. जिलों को ऐसे रोगियों के सैंपल संग्रह करने के निर्देश भी दिया गया है. सैंपल संग्रह करने के बाद सैंपल को जांच के लिए एपेक्स लैब चेन्नई भेजा जाएगा.