नीतीश कुमार की पार्टी ने गुरूवार को अपने प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों के नाम का एलान किया था. युवा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के नाम का भी एलान किया गया था. लेकिन पार्टी ने एक दिन में युवा प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया. शुक्रवार को नये प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी गयी.
सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने प्रकोष्ठों के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में पार्टी के मूल समीकरण को ही नकारने की भूल कर दी थी. युवा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष पहले से नीतीश पटेल काबिज थे. वे कुर्मी जाति से आते हैं. उमेश कुशवाहा ने नीतीश पटेल को हटाकर मनीष कुमार को युवा जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया. मनीष कुमार मंडल जाति से हैं और खगड़िया के रहने वाले हैं.
जेडीयू के एक नेता ने बताया कि उमेश कुशवाहा ने संगठन में फेरबदल को लेकर दो नेताओं से राय-मशवरा किया था. वे दोनों विधान पार्षद हैं और सीएम के सबसे करीबी में शुमार किये जाते हैं. वैसे भी जेडीयू में यही माना जाता है कि यही दोनों नेता पार्टी चलाते हैं, बाकी प्रदेश अध्यक्ष से लेकर दूसरे पदधारक तो सिर्फ नाम के हैं.
मंडल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की खबर ने गुरूवार की शाम तक जेडीयू में तुल पकड़ लिया. नीतीश पटेल की जाति के लोगों ने लामबंदी कर दी. लव-कुश से कुश हट गया. अब तो लव ही जेडीयू का आधार है. फिर लव समीकरण के नेता को हटाकर दूसरे को कैसे अहम पद दे दिया गया. मामला नीतीश कुमार तक पहुंचाया गया. ‘लव’ समीकरण वाले कई नेताओं ने नीतीश कुमार के दरबार तक अपनी बात पहुंचायी.
जेडीयू सूत्र बता रहे हैं कि इसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को जमकर फटकार लगी और एक दिन में युवा जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का फरमान जारी हुआ. शनिवार की सुबह जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने सबसे पहले यही किया. गुरूवार को प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये मनीष कुमार मंडल को हटाकर नीतीश पटेल को युवा जेडीयू का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का लेटर जारी किया गया.