बिहार विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। आज के दिन सदन के अंदर जाति आधारित गणना का रिपोर्ट पेश किया जाएगा साथ ही आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी पेश किया जाएगा। वहीं आज सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले विधानसभा पार्टिकों में माले नेता का हंगामा देखने को मिला है। माले के नेता ने सवर्णों को मिलने वाले आरक्षण को खत्म करने की मांग और देश में जातीय आधरित जनगणना करवाने की मांग कर रहे हैं।
दरअसल, वर्तमान में देशभर में सवर्णों को 10 % आरक्षण दी जा रही है। ऐसे में विपक्षी दलों के तरफ से इसे एक साजिश करार दे रही है। विपक्ष के नेता का कहना है कि वर्तमान की केंद्र सरकार अपने वोट बैंक को साधने के लिए सवर्णों को आरक्षण दे रही है। इस देश में महज 7 से 8 % आबादी वाले लोगों को कितनी बड़ी संख्या में आरक्षण देने का कोई महत्त्व नहीं रह जाता है। इसलिए सवर्णों को मिलने वाला आरक्षण बंद हो।
इनलोगों का यह भी कहना है कि जैसे बिहार में जातीय आधारित गणना करवाया गया है। उसी तरह पुरे देश भर में जातीय आधारित जनगणना करवाया जाना चाहिए। इस देश में जबतक जातीय आधारित गणना नहीं करवाया जाता है तबतक सही तरीके से किसी का भी विकास नहीं हो सकता है।
इससे पहले बीते शाम तेजस्वी यादव खुद की पार्टी राजद के तरफ से आयोजित डॉ श्रीकृष्ण सिंह की जयंती पखवाडे के समापन समारोह में पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि – पिछले चुनाव में पार्टी ने भूमिहार सामाज के नेता को अपना उम्मीदवार बनाया। तेजस्वी यादव ने दो टूक कहा है कि हम दिल से चाहते हैं कि भूमिहार समाज हमारे साथ रहे। भूमिहार समाज को जो भी कुछ मिला है, राजद में ही मिला है। हमने शुरुआत कर दी है, अब आप भी कदम बढ़ाइए.कोई भेदभाव नही करेंगे।
बहरहाल, एक तरफ तेजस्वी सवर्णों को अपने साथ लाने में जुटे हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ माले के नेता इसके विरोध में खड़े हैं। ऐसे में जब लोकसभा चुनाव का समय नजदीक है तो समाज का विरोध काफी महंगा पड़ सकता है।