बिहार ने हमेशा देश को दशा और दिशा दिखाने का काम किया है। हम सभी लोग चाहते थे कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो। इसको लेकर हम सभी दल के लोग पीएम से मिलने भी गए थे। लेकिन, उन्होंने हमारी बात नहीं मानी। फिर हमलोगों ने खुद के बूते यह काम किया। इसके लिए हमारे मुख्यमंत्री जी की तारीफ़ होनी चाहिए जिन्होंने इतना बड़ा डाटा एक ऐतिहासिक दिन सामने लाया। यह बातें बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कही।
आज सचिवालय के संवाद कक्ष में जातीय गणना और आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर लिए गए निर्णय पर सरकार के तरफ से जवाब देने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव मिडिया के समाने आए। जहां उन्होंने सरकार के तरफ से किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि – जब यह डेटा पेश किया गया तो अब हमलोग यह सोच रहे हैं कि आगे क्या होगा ? हमलोग बेरोजगारी और गरीबी से लड़ने वाले सरकार हैं। ऐसे में जो आंकड़ा आया से उससे स्पष्ट हो गया है कि राज्य में हर जाति में से लोग गरीब हैं। ऐसे में सीएम साहब ने सत्र में यह निर्णय लिया आरक्षण की सीमा बढ़ाया जाए और आज यह काम हुआ है।
तेजस्वी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी इतनी दफा विशेष राज्य के दर्जें की मांग कर चुके हैं। लेकिन, पीएम सुनते तक नहीं है। तो उन्हें इस बार कहना है कि अब आप साफ़ बता दीजिए कि आपलोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नही। यदि आप देंगे तो अच्छी बात है और यदि आप नहीं देंगे तो यह बात आप पब्लिक डोमन में रख दीजिए। ताकि हमलोग अपने हिसाब से बिहार के विकास के लिए जो भी हो सके वह कर सकें।
तेजस्वी ने विशेष राज्य के दर्जे मिलने के बाद होने वाले फायदों की चर्चा करते हुए कहा कि, यदि यह मिल जाता है तो भूमिहीन किसानों को भूमि देना और बेरोजगार को रोजगार देने समेत कई अन्य काम राज्य सरकार काफी आसानी से कर सकते हैं। यदि हम सब काम हमलोग आसानी से कर लेंगे तो सबकी लोगों का फायदा होगा। लेकिन, पहले यह बता दें कि वो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देंगे या नहीं।