इस सदी का सबसे लम्बा लोकसभा चुनाव 2024 का लोकसभा इलेक्शन

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18वीं लोकसभा का चुनाव सदी का सबसे लंबा चुनाव बन गया है। जो सात चरणों में सम्पन्न हो रहा है। भीषण गर्मी में इतने दिनों तक चलने वाले इस लोकसभा चुनाव को हमेशा याद रखा जाएगा। इस बार देश भर में अबतक छह चरणों का मतदान हो चुका है। 1 जून को आखिरी चरण का मतदान का होना है। अब बिहार में आखिरी चरण में 8 सीटों पर मतदान होना है।

भीषण सियासी तथा आसमानी गर्मी वाला वर्तमान संसदीय चुनाव कुल 80 दिनों में चार जून को पूर्ण होगा। अंतिम चरण तक आते-आते यह आम लोगों के साथ-साथ नेताओं के लिए भी थकाऊ और बोझिल होने लगा है। लोकतंत्र का यह महापर्व पहली बार वोट करने वाले समेत तमाम मतदाताओं के लिए अवश्य ही एक बेहतर तथा यादगार पल बनकर उभरा है। लेकिन इस बार का लोकसभा चुनाव अपने आप में एक नई कहानी कह रहा है।

सात चरणों में लोकसभा चुनाव को लेकर 80 दिनों के बीच नामांकन, नामांकन पत्रों की जांच, नामांकन पत्र की वापसी एवं मतदान सहित चुनाव प्रचार की प्रक्रियाएं पूरी की गयी। 16 मार्च को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई थी। अंतिम चरण का चुनाव प्रचार 30 मई को समाप्त हुआ और अंतिम मतदान एक जून को होगा। सभी चरणों के मतगणना तथा चुनाव परिणामों की घोषणा के साथ 4 जून को चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण होगी।  एक जून को आखिरी और सातवें चरण का मतदान है। यह चुनाव सदी का सबसे लंबा लोकसभा चुनाव होने वाला है।

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पहले वर्ष 2019 में कुल 73 दिनों में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई थी। इस वर्ष भी बिहार में सात चरणों में चुनाव हुआ था। वर्ष 2019 में 11 मार्च को चुनाव की घोषणा हुई थी। चार सीटों पर 11 अप्रैल को, पांच-पांच सीटों पर 18 अप्रैल, 23 अप्रैल, 29 अप्रैल व 6 मई और 8-8 सीटों पर 12 मई तथा 19 मई को मतदान हुआ था। 23 मई को मतगणना हुई थी।  इसके पहले 2014 में 71 दिनों में चुनावी प्रक्रिया पूरी की गयी थी। चुनाव 7 अप्रैल से 12 मई के बीच हुए थे। मतदान प्रकिया 7 अप्रैल से 12 मई तक हुआ। 16 मई को मतगणना के साथ ही चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गयी। बिहार में छह चरण में जबकि देश भर में 9 चरणों में संसदीय चुनाव हुआ था। वर्ष 2009 में कुल 74 दिनों में चुनाव प्रक्रियाएं पूरी की गयी थी। बिहार में चार चरणों में चुनाव हुआ था। 2004 में 73 दिनों में चुनाव प्रक्रियाएं पूरी हुई थी। 29 फरवरी को चुनाव की घोषणा हुई थी। 13 मई को मतगणना के साथ प्रकियाएं पूरी की गयी थी।

देश में पहली लोकसभा गठन के लिए 1 नवंबर, 1951 को पहली अधिसूचना जारी की गयी थी। 29 नवंबर तक विभिन्न तिथियों में अधिसूचना जारी की गयी। मतदान दो से 25 जनवरी 1952 के बीच 17 चरणों में हुआ था। अपवाद स्वरूप पंजाब, बिलासपुर, कोचिन एवं त्रावणकोर में अक्टूबर 1951 तथा हिमाचल प्रदेश के लिए 10 सितंबर 1951 को ही अधिसूचना जारी कर दी गयी थी। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण पहले ही चुनावी प्रक्रिया पूरी की गयी थी।

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