लोकसभा 2024 के लिए मतदान की प्रक्रिया खत्म हो गई है और आज से मतगणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है कल देर शाम तक जनता तक आदेश सबके सामने होगा। बिहार के 40 लोकसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत को लेकर जो आग्रह जारी किए गए हैं वह चुनाव आयोग के लिए चिंता की सबब बन सकती है।
आयोग के तरफ से तमाम प्रयासों के बावजूद चुनाव में मतदान का औसत नहीं बढ़ा। सात चरणों में कराये गए लोकसभा चुनाव में सिर्फ नौ संसदीय क्षेत्रों में मतदान का औसत 60 फीसदी से ज्यादा रहा। चार सीटों पर तो 50 फीसदी से भी कम मत पड़े। राज्य में सबसे कम मतदान नवादा संसदीय क्षेत्र में सिर्फ 43.17 फीसदी तो सबसे ज्यादा कटिहार में 63.76 फीसदी रहा।
अंतिम चरण को छोड़ शेष छह चरणों का औसत मतदान 2019 के चुनाव के मुकाबले घटा है। 2019 में सातवें चरण में 51.24 फीसदी मतदान हुआ था। इसमें करीब दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिन नौ संसदीय क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत 60 फीसदी से ऊपर रहा, उनमें कटिहार, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज, वैशाली, अररिया, पश्चिमी चंपारण, वाल्मीकिनगर व समस्तीपुर शामिल हैं। जहानाबाद, पटना साहिब, काराकाट, पाटलिपुत्र, बक्सर और वैशाली में 2019 के चुनाव के मुकाबले मतदाताओं ने थोड़ा ज्यादा उत्साह दिखाया और इसी कारण अंतिम चरण में मतदान का प्रतिशत बढ़ गया।