कैबिनेट में जेपी नड्डा के मंत्री बनने के बाद बीजेपी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की तलाश तेज हो गई है। अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है। यही वजह है कि नड्डा को मोदी कैबिनेट में मंत्री बना दिया गया है। जेपी नड्डा के मंत्री बनने के बाद यह साफ हो गया है कि बीजेपी की कमान अब नए नेता के हाथों में सौंपी जाएगी।
2019 के लोकसभा चुनाव के बाद जेपी नड्डा को बीजेपी कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था लेकिन 2020 के जनवरी में नड्डा को बीजेपी की पूरी कमान सौंप दी गई थी और उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया था। अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का तीन साल का कार्यकाल पिछले साल जनवरी महीने में ही खत्म हो गया था लेकिन लोकसभा चुनाव के ध्यान में रखते हुए जून 2024 तक के लिए उनके कार्यकाल को बढ़ा दिया गया था।
अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है और अब वह केंद्रीय कैबिनेट में मंत्री भी बन गए हैं। ऐसे में नए अध्यक्ष की तलाश तेज कर दी गई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में कई नामों की चर्चा चल रही है। रेस में कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्हें अगर बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जाता है तो हैरानी भी होगी। कुछ नाम ऐसे भी हैं जिन्हें पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की अधिक चर्चा हो रही हैं, उसमें बिहार बीजेपी के प्रभारी और पार्टी के महासचिव विनोद तावड़े, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के चीफ और तेलंगाना बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके लक्ष्मण, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और ओडिशा के प्रभारी सुनील बंसल, आरएसएस के प्रचारक और गुजरात के प्रभारी रह चुके ओम माथुर शामिल हैं। बीजेपी की पूर्व सांसद स्मृति ईरानी को भी बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है।