आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। तेजस्वी यादव ने मोहन भागवत के उस बयान को बिल्कुल सही बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जो वास्तविक सेवक होते हैं, उसमें अहंकार नहीं आता। मणिपुर मामले पर तेजस्वी ने कहा कि संघ प्रमुख ने बिल्कुल ठीक कहा है लेकिन थोड़ी देर से बोले हैं।
मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री तो हमेशा से मौन ही रहे हैं। केवल मणिपुर की घटना पर ही नहीं बल्कि किसानों पर जब हमला किया गया, महिला पहलवानों का शोषण हुआ या बैंगलुरू में तीन हजार महिलाओं के साथ शोषण हुआ। ऐसे वक्त में भी प्रधानमंत्री मौन रहे। मोहन भागवत ने ठीक कहा है लेकिन देर से बोले हैं।
केंद्रीय मंत्रियों के बीच मंत्रालयों के बंटवारे के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि बिहार से एनडीए के 30 सांसद चुनकर गए हैं। पिछली बार भी 39 सासंद चुने गए थे लेकिन बिहार को कुछ नहीं मिला था। लेकिन इस बार बिहार निर्णायक भूमिका में है तो कम से कम बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। देशभर में जातीय गणना कराया जाए। साथ ही जो अन्य जरूरी मांगे हैं उसे पूरा कराएं। बिहार के जो सांसद मंत्री बने हैं, कम से कम उनसे तो यह अपेक्षा रखी जानी चाहिए कि वह बिहार के लिए आवाज उठाएंगे।
मोदी कैबिनेट में एक भी मुसलमान को जगह नहीं मिलने के सवाल पर तेजस्वी ने कहा कि इससे साफ दिख रहा है कि मुसलमानों के प्रति उनके मन में कितनी नफरत है। हमलोगों का तो मानना है कि सभी को बराबर सम्मान मिलना चाहिए और हर किसी को आगे बढने का मौका मिलना चाहिए।