लोकसभा चुनाव का परिणाम जारी कर दिया गया है। कई जगहों पर राज्यसभा सांसद ने भी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। अब बारामती सीट पर पत्नी सुनेत्रा पवार की हार के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अजीत पवार ने पार्टी पदाधिकारियों की सहमति से उन्हें राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। आज राज्यसभा उपचुनाव के नामांकन के आखिरी दिन सुनेत्रा पवार मुंबई के विधान भवन पहुंचीं और अपने नामांकन का पर्चा दाखिल किया।
25 जून को होने वाले राज्यसभा उपचुनाव के लिए अजीत पवार की ओर से मुंबई में अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी मंत्रियों के साथ बुलाई गई बैठक में सुनेत्रा पवार के नाम दिया गया। बैठक में एनसीपी के वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल जो राज्यसभा के नामांकन के लिए तैयार थे, उन्होंने कहा कि उन्हें सुनेत्रा पवार के नामांकन पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनके नाम की सिफारिश के लिए बैठक क्यों नहीं बुलाई गई?
एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल अपने वर्ष 2022 के राज्यसभा चुनाव से इस्तीफा देकर वर्ष 2024 में फिर से राज्यसभा सांसद का पद स्वीकार किया था। इस वजह से एनसीपी से राज्यसभा सांसद की एक जगह खाली थी। अब जो भी इस खाली सीट पर आएगा, उसे करीब चार साल सांसद बने रहने का मौका मिलेगा। प्रफुल्ल पटेल की पहली राज्यसभा का कार्यकाल वर्ष 2022-2028 तक था। अब सुनेत्रा पवार राज्यसभा जाती हैं तो वह 2028 तक सांसद रहेगी।
बारामती की लोकसभा सीट का चुनाव सुनेत्रा पवार और एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के बीच हुआ था। लोकसभा सीट बारामती पवार फैमिली का गढ़ रहा है। ऐसे में शरद पवार ने सुप्रिया सुले को जिताकर अपनी ताकत दिखा दी है। अजीत पवार के लिए बारामती विधानसभा जीतना बहुत अहम होगा, क्योंकि तोड़फोड़ की राजनीति के बाद यह पहला विधानसभा का चुनाव होगा। इसलिए सुनेत्रा को केंद्र मे रखकर राज्य स्तर की सभी विकास की राजनीति कर सकते हैं।