23 साल पुराने मामले में पटना की एमसी-एमएलए कोर्ट ने लालू प्रसाद के साले साधु यादव को बेऊर जेल भेज दिया है। साल 2001 में साधु यादव ने परिवहन कार्यालय में घुसकर मारपीट करने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा था। साल 2022 में कोर्ट ने साधु यादव को तीन साल की सजा सुनाई थी।
साधु यादव ने साल 2001 के जनवरी महीने में संयुक्त परिवहन कार्यालय में अधिकरियों के साथ मारपीट की थी। मामले में एमपीएमएलए कोर्ट ने साधु यादव को साल 2022 के 30 मई को तीन साल की सजा सुनाई थी। साथ ही कोर्ट ने साधु यादव को प्रोविजनल बेल भी दे दिया था।
प्रोविजनल बेल मिलने के बाद साधु यादव ने एक महीने के भीतर जिला जज की कोर्ट में अपील दायर की थी लेकिन जिला जज ने साधु यादव की अपील को खारिज कर दिया था। जिसके बाद साधु यादव ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाई कोर्ट ने साधु यादव को सरेंडर करने का निर्देश दिया था और कहा था कि सुनवाई तभी होगी जब वह सरेंडर करेंगे।
लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के बिहार का सीएम रहते साधु यादव की बिहार की सियासत में बड़ी धाक थी लेकिन लालू-राबड़ी के हाथ से बिहार की सत्ता जाने के बाद साधु यादव का अपनी बहन और बहनोई के साथ रिश्ते की डोर कमजोर होती चली गई। एक समय था जब बिहार में लालू के दोनों साले साधु यादव और सुभाष यादव की तूती बोलती थी लेकिन बहन-बहनोई से जब रिश्ते बिगड़े तो दोनों की राजनीतिक कद भी घटता चला गया।