शिक्षकों की सैलरी पर रोक लगाने वाले केके पाठक की खुद की सैलरी रुकी

135

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव रहते शिक्षकों और शिक्षा विभाग अधिकारियों-कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाने वाले आईएएस केके पाठक की खुद की सैलरी रूक गयी है. पाठक को जून महीने का वेतन नहीं मिला है. 2 जून से ही वे लगातार छुट्टी पर हैं. तीन दफे छुट्टी बढ़ा चुके पाठक का दो दफे तबादला भी हो चुका है.

केके पाठक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव पद पर तैनात थे. मई के अंत में सरकारी स्कूलों को बंद करने को लेकर सरकार से विवाद हुआ. बिहार में उस समय हीट वेब चल रही थी. भीषण गर्मी में बच्चे बेहोश हो रहे थे लेकिन पाठक सरकारी स्कूलों को खोले रखने की जिद पर अड़े थे. सीएम नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव को आदेश देकर सरकारी स्कूलों को एक जून से 8 जून तक बंद कराया था. केके पाठक 2 जून से 29 जून तक छुट्टी पर चले गये थे. उसके बाद से वे ड्यूटी पर वापस नहीं लौटे हैं.

- Sponsored -

- Sponsored -

केके पाठक का वेतन रूक गया है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक उन्हें जून महीने का वेतन नहीं मिला है. छुट्टी पर जाने के बाद 13 जून को राज्य सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया था. केके पाठक को भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग का अपर मुख्य सचिव बना दिया गया था. लेकिन केके पाठक ने विभाग में योगदान नहीं दिया. सरकार ने फिर उनका ट्रांसफर कर दिया. केके पाठक को राजस्व पर्षद का अध्यक्ष बना दिया गया.

सरकारी नियमों के मुताबिक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी जिस विभाग में कार्यरत होता है, उसका वेतन उसी विभाग से मिलता है. केके पाठक फिलहाल किसी विभाग में नहीं है. जून महीने में ही उनका ट्रांसफर शिक्षा विभाग से हो चुका है. अगर वे भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग में योगदान दे देते तो उनका वेतन उस विभाग से मिल जाता. लेकिन वहां उन्होंने जॉइन नहीं किया. अब उनका ट्रांसफर राजस्व पर्षद में कर दिया गया है. पाठक ने वहां भी जॉइन नहीं किया है. ऐसे में उनका वेतन रूक गया है.

सरकारी महकमे में सवाल ये भी उठ रहा है कि केके पाठक वापस कब आयेंगे. 2 जून को वे ईएल लेकर छुट्टी पर गये थे. बाद में उन्होंने मेडिकल लीव का आवेदन दिया. वे तीन दफे छुट्टी बढ़ा चुके हैं. तंग आकर सरकार ने उन्हें राजस्व पर्षद में भेज दिया है. ये सेटिंग पद माना जाता है. सरकार जिस अधिकारी को अपने कामकाज से दूर रखना चाहती है उसे राजस्व पर्षद में भेजा जाता है. सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की सेवा को देखने वाला सामान्य प्रशासन विभाग भी ये बताने को तैयार नहीं है कि पाठक कब काम पर लौटेंगे. वैसे चर्चा ये है कि वे 15 जुलाई के बाद ड्यूटी जॉइन कर सकते हैं.

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More