रोहिणी आचार्य ने बजट में बिहार की अनदेखी का लगाया आरोप,ऊंट के मुंह में जीरा के समान

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केंद्र सरकार द्वारा आज देश का आम बजट पेश किया गया। बजट पेश होने के बाद इसपर सियासत शुरू हो गई है। एक तरफ जहां सत्ताधारी दलों ने बजट में बिहार को मिली सौगातों पर खुशी जताई है तो वहीं विपक्षी दल बजट में बिहार की अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं। रोहिणी आचार्य ने बजट में बिहार की अनदेखी का आरोप लगाया है और ऊंट के मुंह में जीरा के समान बताया है।

रोहिणी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, “भरमाने वाला बजट ….बिहार की उपेक्षा.. आजादी के बाद से देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी का सृजन करने वाली सरकार के द्वारा आज प्रस्तुत बजट वस्तुतः भरमाने वाला है. पुराने प्रावधानों को ही ऐसे प्रस्तुत किया गया है. जिससे आम आवाम को लगे कि कोई बड़ी छूट व राहत दी गयी है और चरमराती अर्थव्यवस्था को सुधारने के मकसद से बड़े बदलाव किए गए हैं.”

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रोहिणी ने लिखा, “5 राज्यों में नए किसान क्रेडिट कार्ड लाने की बात तो की गयी है, मगर एमएसपी को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मुद्दे पर बजट मौन है. महँगाई नियंत्रित करने व रोजगार सृजन के मुद्दे पर भी बजट में कोई स्पष्टता नहीं है. रोजगार गारंटी जैसे अहम मुद्दे का भी कोई जिक्र नहीं है. मोबाइल फोन सस्ता किए जाने का प्रस्ताव तो है मगर घरेलू गैस सिलेंडर, रोजमर्रा इस्तेमाल की वस्तुएं, खाद्यान, पेट्रोल-डीजल की कीमतें वाजिब तौर पर कम करने की बात नहीं है.”

आगे लिखा, “मध्यम आय वर्ग, निम्न आय वर्ग और अति-निम्न आय वर्ग (गरीब) की आमदनी में इजाफे के उपाय भी बजट से गौण हैं. विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे बिहार के लिए महज 41 हजार करोड़ की आर्थिक मदद का प्रावधान किया गया है. ये सीधे तौर पर बिहार के हितों की अनदेखी है.”ऊँट के मुँह में जीरे का फोरन” कैसी बात है. सरकार की पसंदीदा निजी कंस्ट्रक्शन व सीमेंट कंपनियों को फायदा पहुँचाने के उद्देश्य से बिहार में हाईवेज-एक्सप्रेसवेज के निर्माण के लिए 26000 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया है मगर बिहार की बदहाल ग्रामीण सडकों के विकास के लिए कोई विशेष-प्रावधान नहीं है.”

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