“उसे तत्काल मानसिक चिकित्सक के परामर्श की जरूरत”,आखिर किसके लिए कह रही रोहिणी आचार्य इतनी बड़ी बात ?

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विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महिला विधायक को चुप रहने की नसीहत देने के बाद सियासत गरमा गई है। विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश कर रहा। इसी बीच रोहिणी आचार्य ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ी बात कह दी है।

रोहिणी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, “स्व-महिमामंडित व सिर्फ और सिर्फ स्वहित व स्वार्थ संक्रमित अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनने वाली एक अनैतिक सत्तालोलुप शख्सियत को एक अनुसूचित जाति की माननीया विधायिका का वाजिब बोलना नागवार गुजरा और फिर जिस लहजे में पद व सदन की गरिमा को ताखे पर रखते हुए माननीय विधायिका को सम्बोधित किया गया उसे अगर कोई जायज ठहरता है तो उसे तत्काल मानसिक चिकित्सक के परामर्श की जरूरत है.”

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“ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है, महिलाओं के बारे में अभद्र-अमर्यादित टिप्पणियों-बयानों की एक परिपाटी ही बना दी गयी है अनैतिक सत्ताधारी गठबंधन के शीर्ष के लोगों के द्वारा, लम्बी लिस्ट है ऐसे बयानों की जिनसे बिहार के साथ-साथ सदन की गरिमा भी तार-तार हुई है. महिलाओं के ज्ञान को कमतर आंकने वालों, नारी-अस्मिता की कद्र नहीं करने वालों के हाथों में माता जानकी की जन्म-स्थली बिहार की कमान है, इससे ज्यादा अफ़सोस और दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है!!”

आगे लिखती हैं, “जिन लोगों के संरक्षण में, जिनकी सरपरस्ती में मुजफ्फरपुर महापाप को अंजाम दिया गया. मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर सडकों पर घुमाए जाने जैसे कुकृत्य पर जिनके मुँह से निंदा भर्त्सना का एक शब्द नहीं निकला, उनसे / उससे महिला सम्मान की अपेक्षा रखना “जहरीले नाग को जेब में रख कर नहीं डसे जाने के प्रति आश्वस्त होने जैसा है.”

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