नियत अगर ख़राब नहीं ….
तो होमियोपैथ शराब नहीं…।
सरकार की नीतियों के खिलाफ एक दिन का हुआ बंद..
बंद रही होमियोपैथ की सभी सेवाएं।
पुरे बक्सर जिले में दिखा असर..
बक्सर से संदीप वर्मा की रिपोर्ट..
28/2/2023
ऑर्गनाइजेशन फाॅर होमियोमिशन के आह्वान पर प्रायः बक्सर जिले के सभी होमियोपैथिक प्रतिष्ठान बंद रहे।बंद को लेकर स्वयं सभी चिकित्सक एवं दुकानदार तत्पर दिखे।तियरा,धनसोइं,इटाढ़ी,डुमराँव, ब्रम्हपुर इत्यादि जगहों के चिकित्सक एवं दुकानदार बंद के अलावे स्थानीय तौर पर मिटिंगें भी किए।बक्सर सदर के भी सभी चिकित्सक एवं दुकानदार एक प्रभात फेरी के बाद जिला कार्यालय में एकत्रित हूए एवं आगे की रणनीतियों पर चर्चा की। चिकित्सकों ने चिंता जताई कि कोरोनो जैसी महामारी से दो-दो हाथ कर अपनी उपयोगिता साबित करने वाली होम्योपैथी को कैसै बदनाम और बर्बाद करने के षडयंत्र रचे जा सकते हैं?इसे कतई सफल नहीं होने दिया जाएगा।माना कि इस षडयंत्र पर सरकार का नियंत्रण नहीं है,तो ये भी सच्च है कि जनता से बड़ी कोई सरकार नहीं है और हर षडयंत्र को बेनकाब करने और हर मर्ज की दवा जनता के पास है।इस बंद का उदेश्य ही है जनता को सच्च जानने के लिए ध्यान आकृष्ट करना और यह बताना कि, विनिगर(होम्योपैथ में उपयोग किया जाने वाला अल्कोहल)इसकी संरक्षक है तो यह जीवन की रक्षक है।
दारू बंदकर नाम करें पर होम्योपैथ को न बदनाम करें।
मिटिंग जिलाध्यक्ष डा.चमन कुमार जी की अध्यक्षता में संपन्न हूई जिसमें सदर के सभी होम्योपैथिक चिकित्सक एवं विक्रेता शामिल हूए जिनमें से कुछ मुख्य लोगों के नाम निम्न प्रकार हैं ,डा.राजकुमार,एस एन सिहं, डा मनोज कुमार, डा,दिलिप कुमार सिन्हा,डा,मनोज कुमार, डा,विनोद कुमार,डा,नीरज सिन्हा, डा,गीता कुमारी,डा,बजरंगबली,डा,मिथिलेश दूबे,डा,संतोष राय के अलावे और भी बहुत से चिकित्सक शामिल रहे।