जदयू-धनंजय सिंह को – PATNA 02.08.22 – जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा धनंजय सिंह को राष्ट्रीय महासचिव घोषित किए जाने के बाद बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने जदयू पर आरोपों की बौछार कर दी है. राजद ने सवाल खड़ा किया है कि जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपनाने वाली नीतीश सरकार राजनीति के लिए सबकुछ ताक पर रख देती है. कांग्रेस ने भी इस मामले को लेकर जदयू पर सवाल उठाया है.
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के बाद इस पूरे मामले पर भाजपा ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. भाजपा प्रवक्ता संजय टाइगर की मानें तो यह जदयू का अंदरूनी फैसला है और इससे भाजपा को कुछ लेनादेना नहीं है. इस पूरे मामले में जदयू नेताओं की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है. पार्टी की बिहार प्रवक्ता अंजुम आरा से जब इस बात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने पार्टी स्तर पर लिए गए फैसले पर ही अनभिज्ञता जाहिर कर रही है. बहरहाल इस पूरे मामले पर जदयू के बैकफुट पर होने और बीजेपी का साथ नहीं मिलने के बाद बिहार में सियासत तेज होती दिख रही है. विपक्ष के इन आरोपों पर आने वाले दिनों में जदयू किस तरह मुखर होता है, यह देखना दिलचस्प होगा.
कौन हैं धनंजय सिंह? – उत्तर प्रदेश के धनंजय सिंह को भला कौन नहीं जानता है. धनंजय सिंह को पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े माफिया के तौर पर जाना जाता है. हत्या, लूट, रंगदारी जैसे दर्जनों गंभीर मामलों के आरोपी रहे धनंजय सिंह पर उत्तर प्रदेश सरकार ने 25000 रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था. धनंजय सिंह वही नेता हैं जो पहले जदयू के टिकट पर जौनपुर के मल्हनी से यूपी विधानसभा चुनाव 2022 लड़ चुके हैं. चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. दो बार के विधायक और एक बार जौनपुर से धनंजय सिंह को बाहुबली के तौर पर जाना जाता है.