आदित्य L1, गगनयान से निसार तक…. चंद्रयान 3 के बाद भारत का वह मिशन जो जल्दी शुरू होगा

आदित्य L1, गगनयान से निसार तक.... चंद्रयान 3 के बाद भारत का वह मिशन जो जल्दी शुरू होगा

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आदित्य L1, गगनयान से निसार तक…. चंद्रयान 3 के बाद भारत का वह मिशन जो जल्दी शुरू होगा

गगनयान से Aditya-L1 तक...ISRO ने बताया- चंद्रयान-3 के बाद किन-किन  प्रोजेक्ट्स को लॉन्च करने की है तैयारी

देश भर में चंद्रयान-3 की सफलता का उत्सव मनाया गया है। भारतीय वैज्ञानिकों की प्रशंसा हर जगह होती है। चंद्रयान-3 को बनाने में इसरो को चार वर्ष लगे। भारत को चंद्रयान-3 ने अंतरिक्ष विज्ञान में नई दिशा और ऊंचाई दी है, लेकिन फिलहाल इसरो में आराम नहीं है। अभी इसरो की टाइमलाइन में कई महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण मिशन हैं।

भारत के बड़े चंद्रयान मिशन । चंद्रयान के बाद इसरो अंतरिक्ष में गहरी होगी । भारत अंतरिक्ष में लोग भेजने वाले चौथे देश बन जाएगा।

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आदित्य-एल1 भारत का अगला मिशन है, जो सूर्य का अध्ययन करेगा। इसरो ने एक्स-रे ध्रुवणमापी उपग्रह (एक्सपोसैट), निसार और गगनयान पर भी काम किया है।

अंतरिक्ष आधारित भारत का पहला मिशन आदित्य एल1 होगा जो सूर्य का अध्ययन करेगा। अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लाग्रेंज बिंदु 1 (L-1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। L-1 बिंदु के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में रखे गए उपग्रहों को सूर्य को लगातार देखने का फायदा मिलता है, बिना किसी ओकुलेशन या अंधेरे के। Adit-L1 वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर प्रभाव को देखने में मदद करेगा। सितंबर में इसका लॉन्च होगा।

निसार एक मिशन है जो NASA और ISRO ने मिलकर बनाया है। 2014 में साझेदारी का अनुबंध हुआ था। इस मिशन को भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों ने बनाया है, जो जनवरी 2024 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुरू हो सकता है। यह एक ऐसी अपर्चर रडार है जिसकी मदद से प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। धरती की निचली कक्षा में निसार होना चाहिए। जहां विश्व का नक्शा बनेगा। यह कार्य पूरा करने में बारह दिन लगेंगे।

इसरो भी अंतरिक्ष में लोगों को भेजना चाहता है। गगनयान के लिए तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यह इस साल के आखिर या अगले साल की पहली तिमाही में शुरू होगा। गगनयान द्वारा तीन उड़ानें भरी जानी हैं। पहली दो उड़ानों में कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं जाएगा। तीसरी उड़ान में अंतरिक्ष में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जाना है।

 

Reported by Lucky Kumari

 

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