बिहार नीतीश कुमार को जहरीला पदार्थ दिया जा रहा है।इस वजह से वह जो भी मन में आ रहा है वह बोल रहे हैं उन्हें भी नहीं मालूम कि वह क्या बोल रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। आज जिस तरह से संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है इसको लेकर आंदोलन जारी रहेगा। इसको लेकर हम लोग गृह मंत्री और राष्ट्रपति से भी मिलेंगे और कहेंगे कि आज बिहार में जो स्थिति है उसे आप लोग बचा लें।
जीतन राम मांझी ने कहा कि – विधानसभा के संरक्षक माननीय अध्यक्ष हुआ करते हैं। अध्यक्ष ने नियमन दिया था कि जिसको हम पुकारेंगे वही अपनी बातों को रखेगा। उसके बाद जब आरक्षण की बात खत्म हो गई थी और दूसरा बिल आया नामांकन का तो मुझे उन्होंने पुकारा। फिर हमने उठकर अपनी बातों को रखना शुरू किया इस समय नीतीश कुमार ने हमको डपटना शुरू कर दिया। ऐसे में अध्यक्ष जी को चाहिए था कि उनको रोका जाए। यह बात है बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अब हम के विधायक जीतन राम मांझी ने कही है।
जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार सदन के नेता हैं और जब नियमन विधानसभा अध्यक्ष का होता है उसी का वह पालन नहीं कर रहे हैं तो फिर बाकी चीजों का क्या ही पालन करेंगे। ऐसे में जब वही सदन की गरिमा नहीं बनाएंगे तो अन्य सदस्यों से क्या ही अपेक्षा किया जाए। मुझे इस बात का दुख है कि आज ऐसा नजर आ रहा है कि विधानसभा के अध्यक्ष सत्ता पक्ष के साथ ही अपना सारा निर्णय दे रहे हैं। इसलिए मैं यह कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री तो दोषी हैं ही उनके साथ-साथ हमारे अध्यक्ष भी कम दोषी नहीं है।
पिछले दिनों हम लोगों ने विधानसभा में जो माननीय मुख्यमंत्री जी ने तपाक में आकर तुम ताम किया है। हमारे जैसा जो 80 वर्ष का प्रतिनिधि है और वह 74 वर्ष के हैं इसके बाद भी तुम ताम की बात की वो 1967 या 1968 में किसी तरह डिग्री हासिल किया है।जीतन राम मांझी उससे पहले डिग्री ले लिया है। 1980 में हम विधायक रहे वह 1985 में आए। उनको इस लहजे में बात नहीं करनी चाहिए।