सात महीने से फरार आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने अब पटना की अदालत में सरेंडर का दिया है। इसके साथ ही उन्होंने नियमित जमानत अर्जी दायर की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरोपित आईपीएस अधिकारी आदित्य कुमार ने पटना के आर्थिक अपराध इकाई के विशेष कोर्ट में आत्मसमर्ण कर अपनी नियमित जमानत अर्जी दायर की। दोनों पक्षों की बहस सुनने के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी ने आदित्य कुमार की नियमित जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके उपरांत आदित्य कुमार को पुलिस की सुरक्षा घेरे में बेउर जले ले जाया गया।
आदित्य कुमार कई गंभीर आरोप लगे हैं। इनपर पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजय करौल के नाम पर बिहार के डीजीपी रहे एसके सिंघल को फोन कराने का मामला भी शामिल हैं। उनपर अपने साथी अभिषेक अग्रवाल के साथ मिलकर पूरी साजिश रचने का आरोप है। आदित्य कुमार ने अपने उपर चल रहे मामले को रफादफा कराने के लिए अभिषेक अग्रवाल से हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर डीजीपी को कॉल कराया था।
बिहार सरकार के एक अन्य बड़े प्राशासनिक अधिकारी को भी बेहतर पोस्टिंग के लिए फोन करवाने का आरोप है। मामले के खुलासे के बाद ईओयू में 16 अक्टूबर 2022 को प्राथमिकी दर्ज की गई. हालांकि मामला दर्ज होने के बाद से ही आदित्य कुमार फरार थे। इस मामले में उनके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी था। उनकी अग्रीम जमानत अर्जी को सेसन कोर्ट और पटना हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है।
आदित्य कुमार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने दो सप्ताह में निचली कोर्ट में सरेंडर करने का निर्देश दिया था।आरोपी आदित्य कुमार की सरेंडर करने की बात वकीलों और कोर्ट परिसर में तैनात पुलिस अधिकारियों को मिली वैसे ही वहां भीड़ लग गयी। एसएसपी आदित्य कुमार पर शराब माफिया से साठगांठ कर अवैध कमाई करने का भी आरोप है।