एक राष्ट्र हितकारी गोष्ठी का आयोजन
इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य, इंडिया कहे या भारत कहें ,पर आधारित था इस अवसर पर पधारे हुए वक्ताओं ने भारत के महत्व को बताते हुए कहा कि भारत का महत्व शब्द के साथ-साथ मन और उसके साथ-साथ पङने वाले विचारों पर भी पड़ता है इस अवसर पर योगी योगेश्वर ने कहा कि भारत अपने आप में एक मंत्र है और जब-जब हम इस मंत्र का उच्चारण नाम के रूप में या स्थान के रूप में या सम्मान के रूप में लेंगे हमारे अंदर एक दिव्य ऊर्जा का सृजन होगा यदि भारत का नाम केवल भारत कर दिया जाए तो आप कुछ ही दिनों पश्चात देखेंगे भारत के अंदर चरित्र मे गुणात्मक स्वरूप सुधार होगा और देशवासी सफलता की ओर सहजता से अग्रसर होंगे इस अवसर पर पधारे हुए अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रखें जिसमें प्रमुख रूप से राजकीय आयुर्वेद विद्यालय सुल्तानपुर से पधारे किशन विश्वकर्मा वाराणसी के योग प्रशिक्षक अजय सेठ साधक चंदन विश्वकर्मा समाजसेवी बनारसी लाल गुप्ता श्री मोहन प्रजापति सहित अनेक साधक गण उपस्थित थे सभी ने योगी योगेश्वर जी के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और भारत सरकार से मांग की भारत का नाम इंडिया नहीं अपितु केवल भारत ही रखा जाए अंत में सभी ने जय हिंद और भारत माता की जय लगाकर कार्यक्रम का समापन किया