लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम सामने आ गया है। पिछले बार की तुलना इस बार में एनडीए को 9 सीटों का नुकसान हुआ है और इसमें सबसे अधिक नुकसान भाजपा को उठानी पड़ी है। भाजपा के हार के पीछे की वजह भी धीरे-धीरे कर सामने आ रही है। अब पार्टी के तरफ से की गई समीक्षा बैठक में एक बड़ी वजह निकलकर सामने आई है। इसमें पार्टी के कार्यकर्ताओं के तरफ से बिहार सरकार में मंत्री बने कुछ नेता और गठबंधन को लेकर भी बड़े इशारें किए गए हैं।
बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही भाजपा को इस बार 12 सीट पर जीत हासिल हुई है, अब पार्टी के तरफ से फीडबैक लेना शुरू किया गया। इस दौरान कई विस्तार को ने प्रदेश अध्यक्ष से चुनाव को लेकर अपना अनुभव साझा किया है। इसके बाद जो मुद्दा सबसे प्रमुख रूप से निकलकर सामने आया है वह यह है कि इस बार जदयू का वोट भाजपा के कैंडिडेट के लिए शिफ्ट नहीं हो पाया है। लेकिन इससे भी गंभीर आरोप विस्तारक की तरफ से पार्टी नेता पर लगाया गया विस्तारित की तरफ से कहा गया है कि पार्टी कोट से मंत्री बने नेता किसी से मुलाकात करने में आनाकानी करते हैं।
लोकसभा विधानसभा के विस्तार को से चुनाव पर जब फीडबैक लिया गया तो उन्होंने कहा कि चुनाव में कई मंडल अध्यक्षों ने सहयोग नहीं किया कुछ ने कहा कि पार्टी कोट से सरकार में मंत्री बनने के बाद कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। मंत्री अपेक्षित मदद नहीं कर रहे हैं मुलाकात में भी आनाकानी करते हैं।
विस्तारकों की शिकायत सुन प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि यह एक प्रमुख समस्या है और इसे हम गंभीरता से लेते हैं इसको लेकर जल्द ही कोई नंबर जारी किया जाएगा ताकि पार्टी के कार्यकर्ता सीधे मंत्री तक अपनी बात पहुंच सके। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें अभी से ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए ताकि पार्टी को अपेक्षा से अधिक सीट हासिल हो सके।
सम्राट चौधरी ने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं का संगठन के प्रति समर्पण और सेवा भाव की सराहना करते हुए कहा कि एनडीए सरकार के विजय में सभी लोगों का साथ है कार्यकर्ता ही हमारी पूंजी हैं और इनके बल पर ही हम चुनाव में बहुमत हासिल करते हैं। इन लोगों की नाराजगी की उचित नहीं है और इसे जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।