NEET EXAM 2024 के साथ बिहार में टीचर और सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक की घटनाओं के बाद हरकत में आयी नीतीश सरकार ने बेहद सख्त कानून बना दिया है. पेपर लीक के मामलों में कार्रवाई के लिए बिहार सरकार ने बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) विधेयक को विधानसभा में पेश किया था, बुधवार को इसे पारित कर दिया गया. पेपर लीक के मामलों में दोषी पाये जाने वालों को 10 साल तक की कैद की सजा के साथ 1 करोड़ रूपये तक का जुर्माना भरना पड़ेगा.
सरकार की ओर से विधानसभा में बिहार लोक परीक्षा विधेयक पेश करते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकारी नौकरियों समेत दूसरी परीक्षाओं में गड़बड़ी के कई मामले सामने आ रहे हैं. पेपर लीक जैसे अपराध को लेकर पहले कोई कड़ा कानून नहीं था. सजा भी कम थी और उसका अनुपालन नहीं हो रहा था. सरकार ने कठोर कानून बनाया है ताकि कोई पेपर लीक औऱ परीक्षा में दूसरे तरह की गड़बड़ी नहीं कर पाये. सरकार इस कानून को मुस्तैदी से लागू करेगी.
मंत्री विजय चौधरी ने बताया कि बिहार लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) कानून में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति पेपर लीक या परीक्षा में दूसरी तरह की गड़बड़ी करता है तो उसे 3 से लेकर 5 साल तक की सजा दी जायेगी. इसके साथ ही उस पर 10 लाख रूपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकेगा.
मंत्री विजय चौधरी ने सदन में बताया कि कई बार सरकरा नियुक्ति या नामांकन के लिए अलग अलग एजेंसियों की सेवा लेती है. उन्हें प्रश्न पत्र छापने से लेकर परीक्षा संचालित करने का जिम्मा दिया जाता है. अगर ऐसी किसी एजेंसी ने गड़बड़ी की तो उन्हें और भी कठोर सजा दी जायेगी. उन पर एक करोड़ रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा.
सरकार ने कानून बनाया है कि अगर कोई सर्विस प्रोवाइडर या एजेंसी परीक्षा में गड़बड़ी करती है तो उसे 4 साल के लिए डिबार कर दिया जायेगा यानि कोई दूसरा सरकारी काम नहीं दिया जायेगा. साथ ही उसके मालिक या डायरेक्टर जैसे किसी बडे पद पर बैठे व्यक्ति की भूमिका सामने आती है तो उन्हें और कठोर सजा दी जायेगी.
सरकार ने नये कानून में प्रावधान किया है कि अगर कोई सर्विस प्रोवाइडर या एजेंसी पेपर लीक में शामिल पायी जायेगी तो उसकी संपत्ति की कुर्की जब्ती हो सकती है. अगर किसी संगठित गिरोह ने पेपर लीक की घटना को अंजाम दिया है तो मामले में दोषी व्यक्ति को 5 से 10 साल की सजा के साथ साथ एक करोड़ का जुर्माना लगेगा.
पेपर लीक में शामिल संगठित गिरोह के सदस्यों के साथ साथ दोषी एजेंसी के अधिकारी को 10 साल तक जेल हो सकती है और एक करोड़ तक जुर्माना भी लगेगा. सरकार के नये कानून के मुताबिक अब पेपर लीक मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे.