बिहार के ग्रामीणों इलाकों में अभी भी लोग बिना किसी डिग्री लिए इलाज कर रहे ‘डॉक्टर साहब’ पर निर्भर रहते हैं। इस वजह से कई बार लोगों की जान से हाथ धोना पड़ता है। हालांकि, इसके रोकथाम को लेकर सरकार पहल तो कर रही है। लेकिन, यह चीज़ें पूरी तरह से सफल नहीं है। इस वजह से लोगों को कठनाई उठानी पड़ रही है। अब एक ताजा मामला सहरसा से सामने आया है। जहां झोलाछाप डॉक्टर की वजह से एक महिला की मौत हो गई।
सहरसा के बरियाही बाजार में एक महिला की तबियत अचानक से खराब हो गई। उसके बाद वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सदर अस्पताल न जाकर पास के ही एक दवा दूकान में बिना डिग्री लिए लोगों की इलाज करने वाले दवा दुकान में बने क्लिनिक में चली गई। जहां से इस महिला को कुछ दवाई दी गई। लेकिन, इस दवा के सेवन के साथ ही महिला की तबियत ठीक होने के वजाय और अधिक बिगड़ने लगी। इस बात की जानकारी महिला के परिजनों को लगी।
जब महिला के अधिक बीमार होने की जानकारी परिजनों को मिली तो उनलोगों ने महिला को इलाज के लिए बरियाही अस्पताल लेकर आए। लेकिन,यहां प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया। लेकिन अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही महिला की मौत हो गई। परिजनों में मातम का माहौल कायम हो गया।
घटना को लेकर मृतक महिला के पति ने बताया कि उसकी पत्नी तबियत खराब होने के बाद दवा दुकान गई थी। जहाँ उसे इंजेक्शन लगा दिया गया। इससे उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई। उसके बाद उसे बरियाही अस्पताल लाया गया। जहां उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद आक्रोशित परिजन द्वारा बरियाही बाजार में सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। दुकानदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी गई। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।