क्या आप जानते हैं #आरा नगर निगम के आधीन आरा में कोई पुस्तकालय भी है?
आरा की ह्रदयस्थली गोपाली चौक के समीप जगजीवन मार्केट में एक आरा नगर निगम के आधीन पुस्तकालय आज भी है। ये आरा की दुर्दशा ही है कि यहां कोई भी पुस्तकालय संरक्षित और सुरक्षित नहीं है। आरा नगर निगम का पुस्तकालय किसी कबाड़ खाना से कम नहीं है,इस पुस्तकालय की पहचान अब बस बड़े बड़े साहित्यकारों और स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर से है जो बस धूल फांक रहीं है। किताब के नाम पर बेतरतीब किताबे बस ये बता रहीं है कि ये कभी पुस्तकालय था। सड़क की तरफ पर एक बैनर लगा हुआ है जिसमें “भीम राव अंबेडकर पुस्तकालय,जन हित में, जन सहयोग द्वारा संचालित लिखा हुआ है। उसके बाद पुस्तकालय के भवन में कहीं भी इस पुस्तकालय का जिक्र नहीं है। इसकी स्थापना कब हुई, किसने की,इस पुस्तकालय की क्या उपलब्धि रही है कोई जिक्र नहीं। बहुत से लोगों का कहना है कि यहां जो मेयर है या मेयर प्रत्याशी है उन्हें भी नहीं पता होगा कि ये पुस्तकालय आरा नगर निगम के अंतर्गत आता है। ये पुस्तकालय भी अतिक्रमण का शिकार बना हुआ है, मार्केट में फल बेचने वालों का ये महज एक स्टोर रूम बन कर रह गया है। एक समय पूर्व बाल हिन्दी पुस्तकालय के बाद आरा नागर पालिका ( नगर निगम) पुस्तकालय का ही नाम था बल्कि आज ये पुस्तकालय गुमनाम है। इसका जिक्र यहां के साहित्यकारों के द्वारा भी नहीं होता कोई संगोष्ठी,कोई कार्यक्रम अगर यहां होता तो शायद ये पुस्तकालय आज भी अस्तित्व में रहता।
मनोज श्रीवास्तव, आरा