बदलेगी बिहार की सरकार, किसका है अनुमान
सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष कर रहे हैं PK
दरभंगा,20 अगस्त. राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर ने महागठबंधन की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संभव है लोकसभा चुनाव तक ये लोग साथ रहे, लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले इसमें फेरबदल संभव है. उन्होंने सरकार की अस्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 2012 के बाद से बिहार में ये छठवां प्रयोग है जिससे सरकार बदली है. इससे बिहार के विकास पर बुरा असर पड़ा है और विकास की गति धीमी हुई है. नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वो कुर्सी से चिपक कर बैठ गए हैं, 2014 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश कुमार में जमीन आसमान का फर्क है. वे उक्त बातें दरभंगा दौरे पर जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान बता रहे थे.
प्रशांत किशोर मिथिलांचल के अपने दौरे पर शुक्रवार को दरभंगा पहुंचे. दरभंगा में उन्होंने जन सुराज के कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और लोगों से जन सुराज की सोच के बारे में संवाद स्थापित किया. उन्होंने कहा कि बिहार को अगर विकसित राज्यों की श्रेणी में खड़ा करना है तो तीन बिंदुओं पर काम करना होगा – “सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास.”
सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास से निकलेगा बिहार के विकास का ब्लूप्रिंट
दरभंगा में पत्रकारों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने “सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास को विस्तार से समझाते हुए कहा, “हम 2 अक्तूबर से शुरू हो रहे पदयात्रा के माध्यम से बिहार के हर गांव, प्रखंड में जाना चाहते हैं और हर घर का दरवाजा खटखटाना चाहते हैं, ताकि समाज को मथ कर सही लोगों को चिन्हित किया जा सके. ऐसे सभी सही लोगों के माध्यम से हम बिहार के वास्तविक मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे. सही सोच का अर्थ है बिहार के विकास के लिए प्रयास करने की सोच और इसके लिए जबतक सामूहिक प्रयास नहीं होगा, कोई व्यक्ति या कोई दल अकेले बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता है. इसलिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है.”
इस पदयात्रा के बाद PK बिहार के समग्र विकास के लिए 10 सबसे महत्वपूर्ण विषयों पर ब्लूप्रिंट जारी करेंगे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, रोजगार आदि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे होंगे. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ समस्या नहीं गिनाएंगे बल्कि उसका ठोस समाधान भी बताएंगे. ये पूरा ब्लूप्रिंट जमीन पर लोगों से बात कर बनाई जाएगी, इसके बाद भी अगर कोई व्यक्ति इसमें कुछ सुझाव देना चाहते हैं तो वैसे लोगों का सुझाव भी शामिल होगा.”
पत्रकारों ने जब PK से उनके मुख्यमंत्री बनने का सवाल किया तो PK ने कहा कि “मेरा मकसद सीएम या पीएम बनना नहीं है. मैं अपने जीवनकाल में बिहार को देश के अग्रणी राज्यों में देखना चाहता हूँ. मैंने देश के कई राज्यों में काम किया है और बिहार उनके मुकाबले बहुत पीछे है. बिहार से कंप्यूटर, स्टील या कोई भी उत्पाद बाहर नहीं जाता है. बिहार से बाहर अगर कुछ जाता है तो वो है अनस्किल्ड लेबर. बिहार के युवा देश के अलग- अलग राज्यों में सबसे मुश्किल काम करते हैं. PK ने कहा कि वे इस स्थिति को बदलना चाहता हूँ. सीएम या पीएम बनना होता तो किसी पार्टी से कुछ जोड़-तोड़ या समझौता कर के भी बन सकता था. मेरा मकसद बिहार के अच्छे लोगों को राजनीति में लाने का है. मैं सत्ता नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करने का प्रयास कर रहा हूं.”
प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद एक प्रयास किया जाएगा कि जो भी लोग इस अभियान में आगे साथ चलने के लिए तैयार होंगे, उनके साथ राज्य स्तर पर एक अधिवेशन का आयोजन किया जाएगा और इसी में तय होगा कि आगे राजनीतिक दल बनाना है या नहीं बनाना है. उन्होंने कहा कि सभी लोग मिलकर ही आगे का रास्ता तय करेंगे और यह प्रकिया पूरे तौर पर लोकतांत्रिक एवं सामूहिक होगी. प्रशांत किशोर ने जोर देकर कहा अगर कोई दल बनता है तो वो प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा, वो उन सारे व्यक्तियों का होगा जो इस सोच से जुड़कर इसके निर्माण में संस्थापक बनेंगे.