इंडिया सिटी लाइव(पटना)22दिसम्बर-बिहार के निचली अदालत में कार्यरत तीन जजों को अय्यासी करना महंगा पड़ा। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने तीनों जजों को बर्खास्त कर दिया है। सेवा से बर्खास्त तीनों जज सभी तरह के बकाए और अन्य लाभों से वंचित रहेंगे।
कौन हैं ये तीन जज-बिहार के निचली अदालतों में कार्यरत जिन जजों की बर्खास्तगी हुई है उनमें समस्तीपुर परिवार न्यायालय के तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश हरिनिवास गुप्ता , अररिया के तत्कालीन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र नाथ सिंह और अररिया के अवर न्यायाधीश सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोमल राम हैं। इन जजों की बर्खास्तगी 12 फरवरी 2014 से ही प्रभावी होगा।
गौरतलब है कि बर्खास्तगी के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ तीनों जजों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी । इस पूरे मामले में फरवरी 2015 को पांच जजों की कमिटि गठित की गई थी। कमिटि गठन के तीन महीने बाद इस कमिटि ने अपनी रिपोर्ट दे दी। इसके बाद पटना उच्च न्यायलय के महानिबंधक ने वर्ष 2020 के सितम्बर में बर्खास्तगी को बरकरार रखा।
क्या है पूरा मामला–
जिन तीन जजों को बर्खास्त किया गया है, उन्हें पुलिस छापामारी में नेपाल के एक होटल में महिलाओं के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था। हालाकि बाद में पुलिस ने उन्हें चोड़ दिया था। बाद में गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पटना हाईकोर्ट के त्तकालीन महानिबंधक को पत्र लिखा था।