साइबर वर्ल्ड में उभरती प्रवृतियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
आईएसएम पटना (30 अक्टूबर): राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (एनसीएसएएम) मनाते हुए, आईएसएम ने 29-30 अक्टूबर को साइबर वर्ल्ड में उभरती प्रवृतियों पर ऑफ़लाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मलेन का उद्येश्य साइबर, सिक्योरिटी, सायबर लॉ जुड़े छात्रो और आम लोगों को साइबर अपराध से बचाव और साइबर जगत में उभती हुई अत्याधुनिक तकनीकी जानकारियाँ उपलब्ध कराना था। इस दो दिवसीय सम्मलेन के दौरान महत्वपूर्ण आधारभूत ढाँचे की सुरक्षा, उभरते साइबर खतरा, घटना, चुनौतियों और प्रतिक्रया जैसे विषय पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारम्भ आई एस एम् के वी सी, श्री देवल सिंह एवं सचिव, श्री अमल सिंह ने की। आईएसएम् के आई. टी. विभाग की डोमेन लीडर, एवं इस कार्यक्रम की सचिव, डॉ. प्रिदार्शिनी के स्वागत संबोधन के बाद संस्थान के श्री राजेश्वर दयाल ने इस पूरे कार्यक्रम के मुख्य विषय को अभिव्यक्त किया। तत्पश्चात सम्मेलन की मुख्य संचालिका, श्रीमती राज सिन्हा द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम संचालन की घोषणा की गयी। प्रमुख वक्ताओं के प्रथम ऑनलाइन सत्र का संचालन श्रीमती वंदना वर्मा द्वारा किया गया। प्रथम सत्र के प्रमुख वक्ता श्री रामचंद्रा फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग & टेक्नोलॉजी चेन्नई के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. बी. प्रभु कविंन, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, ज्योती विद्यापीठ विमेंस यूनिवर्सिटी, जयपुर, के विभागाध्यक्ष, असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. निशु शर्मा, तथा असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. सुनीता भाटी ने साइबर सुरक्षा जागरूकता, साइबर अपराध एवं इसके खतरे, क्रिप्टोग्राफी एवं नेटवर्क सुरक्षा के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किये। श्री मुकेश कुमार द्वारा संचालित जबलपुर, मध्य प्रदेश के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. रुची क्षत्री पटेल की अध्यक्षता में प्रथम तकनीकी सत्र में देश भर के कई विश्वविद्यालों के सहायक प्रोफेसर और शोधार्थी ने साइबर जगत के विकास एवं इससे जुड़ी नई-नई चुनौतियों जैसे भारत के शिक्षा पद्धति पर कोविड महामारी का प्रभाव, मशीन लर्निंग जीवन चक्र आदि के बारे में अपने मौलिक पेपर्स प्रस्तुत किए।
सम्मेलन के दूसरे दिन आईएसएम के बीसीए के प्रथम, तृतीय तथा पंचम सेमेस्टर के छात्रों ने साइबर सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण अत्याधुनिक मुद्दों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। संचालिका श्रीमती राज सिन्हा द्वारा मुख्य वक्ताओं के द्वितीय सत्र की शुरुआत की गई। जिसमें मुख्य रूप से मलेशिया के टेक्नीकल यूनिवर्सिटी मेलाका के डीन, प्रोफेसर, डॉ. राबिया अहमद, स्कूल ऑफ़ कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग वीआईटी, ए पी यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. गोकुलनाथ के. और किंग’स जोर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ यू. पी. के जेरिअटिक विभाग, मेंटल हेल्थ के प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को अपने नवीनतम विचारों से अवगत कराया। अपने सम्बोधन में इन्फॉर्मेशन तकनीकी के खतरे, क्लाउड सुरक्षा और साइबर मनोविज्ञान जैसे प्रमुख बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि बढ़ती तकनीकी सुविधाएं साइबर अपराधियों द्वारा रचित एक विशेष दुनिया विश्व के विकास में एक बड़ा खतरा बनते जा रहा है। डॉ. बी. प्रभु कविंन की अध्यक्षता में श्रीमती जया कुमारी द्वारा तकनीकी सत्र के द्वीतीय चरण का संचालन किया गया। इस सत्र में ई-उपभोक्ता की सुरक्षा एवं चुनतियाँ, साइबर सुरक्षा से जुड़े आधुनिक अनुसंधान, साइबर स्पेस में नारी उत्पीड़न, आई.ओ.टी आधारित सुरक्षा , हैकिंग के क्षेत्र में औटोमोटिव विकास तथा भारत के साइबर अपराध का कैपिटल, जामतारा के बारे में शोधार्थियों ने अपने पेपर्स प्रस्तुत किए। विदाई सत्र के सम्बोधन में, श्री राजेश्वर दयाल ने मुख्य वक्ताओं, तकनीकी सत्र के पेपर प्रस्तुत कर्ताओं तथा आई एस एम के छात्रों द्वारा प्रस्तुत विचारों के मत्वपूर्ण बिदुओं को बड़ी ही सुगमता से प्रस्तुत करते हुए संस्थान की ओर से सभी अध्यापकों, शोधार्थियों एवं प्रतिभागियों के बौद्धिक योगदान हेतु कृतज्ञता का ज्ञापन किया। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा छात्रों में सर्वश्रेष्ठ तीन प्रस्तुतकर्ताओं को सम्मानित किया गया।