दियारे इलाके में रोजगार बना मुद्दा…
अंतिम चरण में है चुनाव प्रचार..
सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण पुलिस मुस्तैद..
बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..
2/11/2021
बक्सर जिले में होने वाले पंचायत चुनाव की सरगर्मी इन दिनों सर चढ़कर बोल रही है पिछे आए परिणामों ने सबको सकते में डाल रखा है नए प्रत्याशियों के माथे पर बल साथ देखा जा सकता है बदलाव के बयार में लोग अब विकास और व्यक्तिगत समस्याओं पर ज्यादा बल दे रहे हैं जाति और धर्म के नाम पर कार्य की राजनीति इस बार काम नहीं आ रही डुमराव अनुमंडल के चक्की प्रखंड से जिला परिषद के लिए उम्मीदवार महेश पांडे बताते हैं कि सबसे अधिक जरूरत क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने की है जिसके लिए ही वह समाज सेवा छोड़कर राजनीति में आना चाहते हैं वह चाहते हैं कि पंचायती राज व्यवस्था मैं हिस्सेदारी निभाए और जन-जन तक उसके फायदे को पहुंचाएं आपको बताते चलें की चक्की प्रखंड के 4 पंचायतों में किसानों की कृषि से लेकर स्वास्थ्य शिक्षा वह सड़क सुरक्षा फायदे जरूरतों को पूरा करना अभी भी सरकार के लिए एक सपना है लेकिन राजनीतिक परिवेश कहें या भौगोलिक स्थिति इस क्षेत्र का उस तरह से विकास नहीं हो पाया जैसा कि होना चाहिए हालांकि लोग कहते हैं कि स्थानीय विधायक प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके प्रयास जमीन तक नहीं पहुंचते दिख रहे हैं जिला परिषद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन भर चुके प्रत्याशी भी अब अपने अपने क्षेत्र में भ्रमण करने लगे हैं ऐसे में देखना दिलचस्प होगा की चक्की किसे अपना प्रतिनिधि चुनता है चक्की में सिंबल मिलने के बाद हर पंचायत में जिला परिषद उम्मीदवारों की जल अकादमी तेज हो गई है लेकिन बदलाव को देखकर यह स्पष्ट कहा जा सकता है कि लोग अब शिक्षित और साफ-सुथरी छवि वाले लोगों को चुनकर विकास में लोकतंत्र के योगदान को बढ़ाना चाहते हैं और वैसे लोगों को चुन कर भेजना चाहते है..जिससे वो विकास की नई कहानी गढ़ने में मददगार हो..।