*जियो की क्लाउड गेमिंग टेक्निक से, एंट्री लेवल 5जी मोबाइल पर भी हो सकेगी हाई-एंड गेमिंग

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*जियो की क्लाउड गेमिंग टेक्निक से, एंट्री लेवल 5जी मोबाइल पर भी हो सकेगी हाई-एंड गेमिंग*

• इंटरनेशनल टूर्नामेंट में भारतीय प्लेयर्स के रैंक में होगा सुधार
• क्रिकेट की तरह होगी कमेंट्री और लाइव स्ट्रीमिंग
• ‘जियो गेम वॉच’ पर लिया जा सकेगा मजा

*नई दिल्ली, 3 अक्तूबर:* गेमिंग उद्योग की शक्ल पूरी तरह बदलने वाली है। अब हाई-ग्राफिक या कहें हाई-एंड गेमिंग खेलने के लिए मंहगे गैजेट्स की जरूरत नहीं रह जाएगी। 5जी टेक्नोलॉजी से अब एंट्री लेवल 5जी मोबाइल फोन रखने वाले गेमर्स भी हाई-एंड गेम खेलने का मजा ले सकेंगे। मोबाइल, लैपटॉप, पीसी और जियो सेट टॉप बॉक्स किसी पर भी हाई-ग्राफिक्स/हाई-एंड गेम खेले जा सकेंगे।

यह संभव होगा जियो की क्लाउड गेमिंग टेक्निक के जरिए। जियो की क्लाउड गेमिंग टेक्निक से उम्मीद लगाई जा रही है कि इससे देश में ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिलेगा। रिलायंस जिये ने इस क्लाउड गेमिंग टेक्नोलॉजी को दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रही इंडिया-मोबाइल-कांग्रेस में प्रदर्शित किया है।

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सबसे बड़ी खुशखबरी तो देश की गेमिंग कम्युनिटी के लिए है। भारतीय प्रोफेशनल गेमर्स को भी अब इंटरनेशनल प्लेयर्स की तरह हाई स्पीड व लो लेटेंसी मिलेगी। वे अपने मोबाइल पर ही इंटरनेशनल गेमिंग टूर्नामेंट की प्रैक्टिस कर सकेंगे। प्रैक्टिस ज्यादा होगी तो इंटरनेशनल रैंक भी सुधरेगा। और सबसे अच्छी बात यह कि इसके लिए उन्हें फाइबर या डेडिकेटिड लीज लाइन की जरूरत नही पड़ेगी।

5जी का पिंग रेट या कहें लेटेंसी रेट 4जी के मुकाबले बेहद कम है इसलिए प्रोफेशनल गेमर्स एक ही वक्त में कई मल्टीपल कमांड देने के साथ कई मल्टीपल स्क्रीन को भी ऑपरेट कर सकते हैं। 5जी के आने से स्पीड तो बढ़ेगी ही गेम में इस्तेमाल होने वाले ग्राफिक्स और एनिमेशन्स का लेवल भी कई गुना बढ़ जाएगा।

गेमिंग में एक और रोचक आयाम जुड़ने वाला है और वह है ‘गेम लाइव स्ट्रीमिंग’ और ‘लाइव कमेंट्री’। रिलायंस जियो की इस टेक्नोलॉजी के जरिए, गेम खेलने के साथ साथ अब इसका लाइव टेलिकॉस्ट ‘जियो गेम वॉच’ पर किया जा सकेगा। भारतीय ई-स्पोर्ट्स में यह जान फूंक देगा।

जियो गेम वॉच पर गेमिंग स्क्रीन के टेलिकॉस्ट के साथ गेमर्स लाइव कमेंट्री में भी हाथ आजमा सकते हैं। एक ही गेम को एक ही समय पर कई लोग अपने अपने चैनल पर अपनी कमेंट्री के साथ लाइव टेलिकॉस्ट कर पाएंगे। क्रिकेट की तरह कमेंट्री होने से भारत में ई-स्पोर्ट्स को चाहने वालों की तादाद में भी ईजाफा होगा। यह टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल गेमर्स के साथ ई-स्पोर्ट्स के दीवानों को भी आकर्षित करेगी।

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