समाज सेवा से मिल रहा शांति और सुकून क्युकी कोरोना की दूसरी लहर में दवा, इलाज और एक-एक सांस के लिए संघर्ष कर रहे मरीजों की मदद के लिए इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के कई होनहार बच्चें आगे आए हैं। तकनीकी का बेहतरीन इस्तेमाल कर ये बच्चें जरूरतमंदों को न केवल रेमेडेसिविर इंजेक्शन, अस्पतालों में बेड बल्कि भारी मारामारी के बीच ऑक्सीजन भी मुहैया करा रहे हैं। महामारी के दौर में इन छात्र छात्राओं के जरिए मदद पाने वाले इन्हें फरिश्ता बता रहे हैं। वहीं, लोग भी इनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं। यह सब सम्भव हो रहा है इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के एन एस एस विंग से बने व्हाट्सएप और फेसबुक ग्रुप के जरिए। इस ग्रुप में अलग-अलग जगहों से छात्र-छात्राएं जुड़े हैं। वह जरूरतमंद की तलाश करते हैं और उनके बारे में जानकारी ग्रुप में साझा करते हैं। इसके बाद यह लोग उनकी जरूरत के लिए सम्बंधित अधिकारी से मदद की गुहार लगाते हैं। वह कई बार मदद करने में असफल भी होते हैं, लेकिन उनके हौसले नहीं टूटते हैं। ग्रुप के एडमिन मैडम शिल्पी कविता सहायक प्राध्यापक आई एस एम और सह संचालक नयन रंजन सिन्हा सहायक प्राध्यापक ने मीडिया सूत्रों को बताया कि संस्थान के छात्र छात्राएं पहले भी कई सामाजिक काम में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते रहे है और आगे भी लेते रहेंगे। हमलोग बच्चों को पहले एक अच्छा इंसान बनना सिखाते है उसके बाद एक सफल व्यक्तित्व। आई एस एम के बच्चों में इतनी शक्ति और सामर्थ्य है की वो हर स्तर पर समाज के उत्थान और मदद के लिए आगे आकर काम कर सके। इस ग्रुप का नेतृत्व कर रहे बीबीए फाइनल ईयर के छात्र अभिषेक राज ने बताया कि मैं बचपन से किसी न किसी रूप में सामाजिक काम में संलग्न हूं, मेरे लिए ये गौरव की बात है कि इस वैश्विक महामारी के दौर में मुझे कुछ करने का अवसर मिला और हम सबलोग एक टीम होकर जरूरतमंदों को उनकी सांसे बचाने में हर संभव सहायता करते रहेंगे।
इस टीम के मुख्य सदस्य के रूप में अभिषेक राज के अलावा रितिक कुमार, हर्ष , हर्ष राज, श्रुति, मेघा, प्रमुख है। साथ ही इनके मनोबल को बढ़ाने के लिए आदित्य, अंजली, दीपा राज, रणवीर, सौरभ सिंह राठौर, अतुल पांडे, शुभम अरमान, मोहिनी गुप्ता, सोनम भारद्वाज के साथ संस्थान के कई छात्र छात्राओं ने अपने वीडियो, पोस्टर और अन्य तरह से जागरूकता के साथ लोगो को कोरोना से निपटने के लिए कई तरह के कार्यक्रम कार्यान्वयन कर लोगो को गतिशील बनाए का सफल प्रयास कर रहे हैं। साथ ही ग्रुप लीडर अभिषेक राज ने बताया कि वह कई जिलों के लिए ग्रुप बनाए हैं। वह कहते हैं हमारी टीम केवल प्रयास करती है। अफसरों और मरीजों के परिजन से सीधा संवाद कर मरीजों के बारे में सही सूचना दी जाती है ताकि ससमय मरीजों की जान बचाई जा सके।
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