इंडिया सिटी लाइव 22 जनवरी : कर्मचारियों और पदाधिकारियों को प्रोन्नति देने पर नीतीश सरकार ने रोक लगा रखी है. इस कारण बगैर प्रोन्नति के पिछले 2 साल में करीब 250 कर्मचारी और अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं. कर्मचारियों में इस बात को लेकर जहां असंतोष है, वहीं प्रोन्नति नहीं मिलने से सभी स्तर के कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ बढ़ा है. बिना प्रमोशन रिटायर होने वालों में बिहार प्रशासनिक सेवा के करीब 100 पदाधिकारी, जबकि बिहार सचिवालय सेवा के 150 कर्मचारी शामिल हैं.
दरअसल, राज्य सरकार ने सभी तरह के प्रोमोशन पर सुप्रीम कोर्ट के स्तर पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगा दी है. इस वजह से राज सरकार के सभी स्तर के कर्मियों को परेशानी हो रही है. अपनी समस्या को लेकर राज्य के सभी कर्मचारी संघों ने एक महासंघ बना रखा है. महासंघ ने हाल के दिनों में सामान्य प्रशासन विभाग समेत सभी अधिकारियों से प्रोन्नति की समस्या को तत्काल प्रभाव से दूर करने की मांग रखी है, लेकिन इस मामले में अभी तक कुछ हुआ नहीं है.
प्रोन्नति नहीं मिलने से बिहार प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति से भरे जाने वाले विशेष सचिव के 23, अवर सचिव के 22, संयुक्त सचिव के 143 और एडीएम के 150 और उपसचिव रैंक के 81 पद खाली पड़े हुए हैं. इसी तरह बिहार सचिवालय सेवा के भी संयुक्त सचिव रैंक के 15, उपसचिव रैंक में 100, अवर सचिव स्तर पर 293 और प्रशाखा पदाधिकारी रैंक में करीब 600 पद खाली पड़े हुए हैं.
बिहार शिक्षा सेवा, बिहार स्वास्थ्य विभाग बिहार वित्त सेवा समेत कई विभागों में भी यही हाल है. बिहार सचिवालय सेवा संघ के महासचिव अशोक सिंह की मानें तो इस दिशा सरकार की उदासीनता कर्मचारियों पर भारी पड़ रही है. यह मामला जहां बिहार सरकार को कठघरे में खड़ा करता नजर आ रहा है. वहीं, सत्ता पक्ष इस मामले में सरकार की गंभीरता और तेजी से कार्रवाई करने की दुहाई दे रहा है.