इंडिया सिटी लाइव 9 फरवरी : करीब महीने भर चली रस्साकशी के बाद जब मंगलवार की सुबह फाइनल लिस्ट जारी हुई.नीतीश मंत्रिमंडल में अब 31 सदस्य हैं. बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या 243 है और नियम के मुताबिक 15 फीसदी यानी 36 मंत्री बन सकते हैं. नीतीश ने फिलहाल 5 मंत्रियों का पद खाली रखा है. मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का खास ध्यान रखा गया है. सभी वर्ग के लोगों को हिस्सेदारी देने की कोशिश जरूर हुई है, बावजूद इसके मंत्री बनाये रखने की आस लगाए बैठे कई नेता नाराज हो गए हैं.
नीतीश के नए मंत्रिमंडल में युवाओं की भरमार है लेकिन जेडीयू ने संतुलन बैठाने की कोशिश की है. सात बार के विधायक श्रवण कुमार को आखिरकार मंत्रिमंडल में जगह मिल गई है. जेडीयू के मुख्य सचेतक रह चुके श्रवण कुमार का नाम अंतिम समय तक फाइनल नहीं था. नीतीश की पहली सरकार में श्रवण कुमार ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे थे. दरभंगा के बहादुरपुर से विधायक मदन सहनी का नाम भी कभी लिस्ट में आ रहा था और कभी कट रहा था लेकिन उन्होंने आखिरकार बाजी मार ली. मदन सहनी को विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी सीट बदलनी पड़ी थी. संजय झा का मंत्री बनना तय माना जा रहा था. संजय झा ना केवल नीतीश के करीबी रहे हैं, बल्कि पहले दौर में उन्हें मंत्री नही बनाए जाने पर कई लोगों ने आश्चर्य जताया था. गोपालगंज से पहली बार जीतकर आए पूर्व एडीजी सुनील कुमार के पास भी लंबा अनुभव है और नीतीश ने उनपर भरोसा जताया है.