इंडिया सिटी लाइव(पटना)28दिसम्बर–बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में एक बड़ा बयान देकर पार्टी कार्यकर्ताओं को सकते में डाल दिया था। 27 दिसम्बर को जदयू की कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी जनों को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने दो टूक कह दिया था कि नहीं रहना है मुझे सीएम। नीतीश ने कहा कि एनडीए जिसे चाहे उसे मुख्यमंत्री बना दें। सीएम ने कहा कि बीजेपी का ही सीएम हो । मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे किसी पद का मोह नहीं है। नीतीश कुमार के इस बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा मुझे पद की कोई चाहत नहीं, इच्छा नहीं कि पद पर रहें। चुनाव परिणाम आने के बाद मैंने अपनी यह इच्छा गठबंधन के समक्ष जाहिर भी कर दी थी। पर दबाव इतना था कि मुझे फिर से काम संभालना पड़ा।
नीतीश कुमार के “मुझे नहीं रहना सीएम’ वाले बयान पर बिहार की राजनीति में तूफान मचा है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक बयानबाजी का दौर चरम पर है। आज सुबह-सुबह बाजपा के कद्दावर नेता शील मोदी ने बीजेपी की तरफ से लीपा पोती की। सुशील मोदी ने साप कर दिया कि जदयू भाजपा के बीच की खटास नहीं है और दोनों दल साथ मिलकर काम करते रहेंगे। असल में सारे विवाद के जड़ में था अरूणाचल प्रदेश में जदयू के छः विधायकों को बीजेपी में चले जाने को लेकर। नीतीश कुमार ने भले ही खुलकर नाराजगी नहीं जताई लेकिन उनके तमाम बयानों का मतलब कमोबेस यही है कि बीजेपी को उनकी हद बता दी जाए।
उधर बीजेपी- जदयू के बीच चल रहे इस मन मुटाव पर विपक्षी पार्टियां भी खूब मजे ले रही हैं। राजद और कांग्रेस दोनों ही तरफ से जमकर बयानबाजी हो रही है।राजद और कांग्रेस दोनों ने ऑफर किया है कि नीतीश कुमार हिम्मत करें और उनके साथ चले आएं। एक तरफ राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी नीतीश कुमार को दूरदर्शी बताकर उनकी तारीफ कर रहे हैं तो दूसरी ओर पार्टी के अन्य नेता व प्रवक्ता नीतीश कुमार को कमजोर सीएम कहकर उनपर निशाना साध रहे हैं।
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार को सीएम के पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि बीजेपी उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रही हैं। बीजेपी जो भी कर रही, उससे उनकी पार्टी को खतरा है। नीतीश बुद्धिमान और दूरदर्शी नेता हैं। बीजेपी के अगले कदम का अंदाजा बखूबी लगा सकते हैं।
उधर कांग्रेस के प्रदेश स्तर के एक नेता ने कहा है कि नीतीश कुमार को महागठबंधन के साथ आ जाना चाहिए। उधर जदयू की ओर से एनडीए में खटास को लेकर अब तक कोई तल्ख बयान नहीं आया है लेकिन चर्चा जोरों पर है कि नीतीश अब राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का मन बना चुके हैं लेकिन फिलहाल उनके मुख्यमंत्री बने रहने पर कोई सवाल दिख नहीं रहा है।