प्राचीन फाल्गुन पशु में की तैयारी पुरी..
मुगलकाल से चलता आ रहा है मेला..
पचास बीघे में लगेगा इस बार का मेला..
अनंत सिहं ,मंत्री रामसूरत राय का भी पंहुचेगा घोड़ा..
बक्सर से कपीन्द्र किशोर की रिपोर्ट..
26/2/2022
बक्सर अध्यात्म और इतिहास की ही नहीं मेलो का भी शहर है वर्षों से चले आ रहे यहां के मेले विश्व प्रसिद्ध भी नहीं सुविख्यात भी है ..वह मानव के लिए हो या जानवरों के लिए मेले हमेशा लोगों के एकत्रित होने की जगह होते हैं और व्यापार का केंद्र होते हैं.. बक्सर में ये गतिविधि कई वर्षों से चली आ रही है और उसका निर्वहन भी यहां के लोग बखूबी निभाते आ रहे हैं.. बक्सर जिले में कई तरह के मेले हमेशा लगते हैं गंगा तट पर मेलो कि हमेशा भीड़ रहती है वही जानवरों के लिए भी यहां विशेष रूप से मेले का आयोजन समय-समय पर होता रहता है ..बक्सर के ब्रह्मपुर में लगने वाले फाल्गुन पशु मेले का भी कुछ ऐसा ही इतिहास रहा है वर्षों से चले आ रहे इस मेले में राज्य भर से पशुओं के मालिक अपने पशुओं को बेचने के लिए पहुंचते हैं और मेले की शोभा बढ़ाते हैं.. बक्सर में 3 बड़े पशु मेला लगते हैं जिनमें ब्रह्मपुर का पशु मेला बहुत बड़ा माना जाता है फाल्गुन महीने में लगने वाले इस मेले में देश के कोने-कोने से लोग अपने-अपने जानवरों को लेकर आते हैं इस बार के फाल्गुन पशु मेला के आयोजन के लिए समिति ने तैयारी पूरी कर ली है और मेला स्थल को विधिवत रूप से सजाया संवारा जा रहा है ..जहां जानवरों को रखने की व्यवस्था की जा रही है आपको बता दें कि बक्सर में लगने वाले इस पशु मेले में किमती घोड़े और अन्य जानवरों की खरीद बिक्री होती है जिसके लिए दूसरे प्रदेशों से भी व्यापारी अपने अपने पशुओं को लेकर पहुंचने शुरू हो गए..लोग बताते है कि इस में मेऔ बिहार सरकार की कई हस्तियों के जानवर भी आते है..और मुगलकाल से चले आ रहे इस पशु मेलें की शोभा बढ़ाते है..।