Shraddha Murder Case: -आफताब के करतूतों की पोल

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Shraddha Murder Case NEW DELHI 16.11.22 – पालघर जिले को वसई पुलिस ने जब सबके बयान दर्ज किए तो श्रद्धा के गुमशुदगी का कोई दुख या पछतावा आफताब को नहीं था. आफताब, श्रद्धा से सिर्फ़ झगड़ा होने घर छोड़कर जाने की बात करता था. पालघर पुलिस ने श्रद्धा वालकर के बचपन के दोस्त लक्ष्मण नाडर और सुबिन के बयान को बेहद गंभीरता से लिया. लक्ष्मण ने पुलिस को विश्वास दिलाया की श्रद्धा अक्सर उससे बात करती थी. उसका कहना था कि श्रद्दा अचानक लापता हो गई. उसने किसी अनहोनी की आशंका जताई. लक्ष्मण नाडर ने यह बात श्रद्धा के पिता विकास वालकर को बताई. इसके बाद श्रद्धा के पिता ने मानिकपुर पुलिस स्टेशन में आकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.

26 अक्टूबर के दिन वसई पुलिस ने आफताब का पहली बार बयान लिया. 14 मई के दिन श्रद्धा और आफ़ताब छतरपुर के घर में शिफ्ट हुए थे. आफताब ने अपने पहले बयान में बताया की 22 मई को झगड़े के बाद श्रद्धा अपना फ़ोन लेकर घर छोड़कर चली गई थी. श्रद्धा का फोन 26 मई को बंद हुआ. वसई पुलिस ने जांच में पाया कि श्रद्धा का फ़ोन 22 मई से 26 मई के बीच ऑनलाइन पैसे ट्रांसफ़र करने के लिए इस्तेमाल हुआ. श्रद्धा के बैंक अकाउंट से 54 हजार रुपये आफ़ताब के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर हुए. जिस समय फोन से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ फोन का लोकेशन छतरपुर ही था. इसी झूठ से आफताब बेनकाब हो गया.

11 नवंबर के दिन जब वसई पुलिस और दिल्ली पुलिस ने एक साथ पूछताछ की तो आफताब ने बताया कि उसे श्रद्धा का मोबाइल पासवर्ड पता था. उसने ही श्रद्धा के फ़ोन से पैसे ट्रांसफर किए.

आफताब के ठिकाने

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वसई पुलिस के आफ़ताब के बताए हुए ठिकानों, दिल्ली का पता, लोकेशन की जाँच की और पाया कि आफताब बहुत से जानकारियां छिपा रहा है और गुमराह कर रहा है. आफताब ने 15 और 16 मई के दिन श्रद्धा के ATM से पैसे निकाले. वसई पुलिस को लगा की यह मामला किसी अनहोनी की ओर इशारा कर रहा है. इसके बाद वसई पुलिस की एक टीम दिल्ली गई.

वसई पुलिस और दिल्ली पुलिस ने जब एक साथ पूछताछ की तो आफ़ताब बयान बदलने लगा. आफताब ने वसई पुलिस को बताया की उसने श्रद्धा की हत्या की है. शरीर के टुकड़ों को पहले काटकर फ्रीज में रखा और फिर जंगलों में फेंक दिया.

जांच के लिए दिल्ली तक गई थी वसई पुलिस

इस जांच के लिए वसई पुलिस की एक टीम 8 नवंबर से 13 नवंबर तक दिल्ली में रही और दिल्ली पुलिस को केस सौंपकर लौटी. वसई पुलिस सूत्रों ने यह भी बताया की श्रद्धा के पिता को अपनी बेटी की तलाश करने में खास दिलचस्पी नहीं थी. श्रद्धा के पिता ने दिल्ली जाकर अपनी बेटी को तलाश करने या पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश नहीं की.

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