Chandrayaan-3 मिशन में TATA का भी अहम रोल… जानें कैसे की थी मदद?

Chandrayaan-3 मिशन में TATA का भी अहम रोल

254

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Chandrayaan-3 मिशन में TATA का भी अहम रोल

चंद्रयान-3 लॉन्च: चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव का पता लगाने के लिए भारत का मिशन

भारत का चंद्रयान-3 मिशन धरती से चंद्रमा की ओर एक लंबे सफर पर निकल चुका है। इसके सफल लॉन्चिंग की हर जगह प्रशंसा हो रही है। न केवल इसरो, बल्कि देश की निजी कंपनियों ने भी इस काम को सफल बनाया है।

Tata Steel, टाटा ग्रुप की कंपनी, देश के सबसे पुराने कारोबारी घरानों में से एक है। टाटा की फैक्ट्री ने Chandrayaan-3 रॉकेट को लॉन्च करने के लिए क्रेन बनाया था।

टाटा स्टील द्वारा निर्मित क्रेन को इसरो को बधाई देते हुए कहा गया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि टाटा स्टील ने लॉन्च में इस्तेमाल की गई क्रेन ने आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्च वाहन LVM3 M4 को असेंबल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सहयोग का उल्लेख बुधवार को कंपनी ने किया है। इस क्रेन को जमशेदपुर में स्थित टाटा ग्रोथ शॉप में टाटा स्टील ने बनाया था।

- Sponsored -

- Sponsored -

14 जुलाई 2023 को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने चंद्रयान-3 को लॉन्च किया। जहां रांची के हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन ने चंद्रयान के अतिरिक्त आवश्यक घटकों को तैयार किया था। वहीं, गोदरेज एयरोस्पेस, गोदरेज ग्रुप की कंपनी, इसमें महत्वपूर्ण योगदान देती रही है। हालाँकि, इलेक्ट्रिक ओवरहेड ट्रैवलिंग (EOT) क्रेन, जो टाटा स्टील की जमशेदपुर फैक्ट्री में निर्मित हुई थी, इस मिशन की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसे तैयार करने के बाद श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में लॉन्चिंग से पहले स्थापित किया गया।

टाटा स्टील का उद्घाटन कब हुआ?
टाटा स्टील, टाटा ग्रुप की कंपनी, ने कहा कि हम चंद्रयान-3 लॉन्चिंग में अपने योगदान के माध्यम से भारत में प्रौद्योगिकी विकास और उन्नति को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। आजादी से पहले जमशेदपुर में Tata Steel प्लांट बनाया गया था। यह पहले टिस्को (TISCO) नाम से जाना जाता था। 1907 में भारत का पहला लोहा व इस्पात कारखाना बनाया गया था। बाद में जमशेदपुर को टाटा नगर भी कहा जाता था। लेकिन इस कारखाने में स्टील-आयरन का उत्पादन 1912 में शुरू हुआ था।

टाटा के अलावा देश की अन्य बड़ी निजी कंपनियों ने इंजन और थ्रस्टर सप्लाई गोदरेज को इसरो के Chandrayaan-3 मिशन में शामिल किया है। Godrej Aerospace, एक निजी एयरोस्पेस कंपनी जो मुंबई में स्थित है, ने इसके लिए महत्वपूर्ण सहयोग दिया था। कंपनी ने चंद्रयान के कई महत्वपूर्ण भागों को बनाकर उपलब्ध कराया है। गोदरेज एयरोस्पेस ने यान का रॉकेट इंजन और थ्रस्टर बनाया था।

लॉन्चिंग दिन, कंपनी के बिजनेस हेड मानेक बेहरामकानदीन ने कहा कि उन्हें गर्व है कि हमने चंद्रयान-3 में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हम ISRO का भरोसेमंद साथी रहे हैं और भविष्य में भी लॉन्च, मिशन और एयरोस्पेस क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

 

Reported by Lucky Kumari

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More