तूफान यास के बिहार में एंट्री लेते ही बिजली व्यवस्था को झटका लग गया. ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को बड़ी क्षति पहुंची है. कई स्थानों पर फीडर को नुकसान पहुंचा है. इस कारण गुरुवार को देर रात बिहार की बिजली डिमांड घटकर 1250 मेगावाट पर आ गई. यह 8 वर्षों में सबसे कम है. बिजली व्यवस्था चरमराने से पूरे बिहार को नुकसान पहुंचा है. हालांकि पटना सहित 30 से अधिक जिलों पर इसका सीधा असर हुआ है. कई स्थानों पर तार पर पेड़ गिरने से भी बिजली व्यवस्था पर प्रतिकूल असर हुआ है.
गुरुवार को बिहार की अधिकतम मांग 1650 मेगावाट ही रही. मांग में कमी आने से एनटीपीसी के पांच बिजली घरों की 8 यूनिट को बंद करना पड़ा. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है. बाढ़ और बरौनी होने को पूरी तरह बंद कर दिया गया है, जबकि कांटी की दो यूनिट को भी बंद करना पड़ा है. नवीनगर बिजली घर को आधी क्षमता पर चलाया जा रहा है. इसके अलावा फरक्का और तालचर की एक-एक यूनिट को भी बंद करना पड़ा है.