वाल्मीकि टाइगर परियोजना,चंपारण : बाघ की मौत की जांच में ली गई है स्नीफर डॉग की मदद

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इंडिया सिटी लाइव 3 फरवरी : वाल्मीकि टाइगर परियोजना के गोबर्धना वन प्रक्षेत्र में बाघ की मौत की जांच में स्नीफर डॉग की मदद ली गई है. इसके लिए सशस्त्र सिमा बल के डॉग स्क्वायड दल की मदद से खोजबीन जारी है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के निदेशक और वन संरक्षक हेमकांत राय को घटनास्थल के पास सबूत होने की आशंका है. स्क्वॉयड डॉग की मदद से सबूतों को आसानी से ढूंढ़े जाने की उम्मीद जताई जा रही है. इस खोजबीन में वन अधिकारियों की टीम के साथ सशस्त्र सीमा बल के 21 वाहिनी के सदस्य शामिल हैं.

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गोबर्धना वन के कक्ष नं. 25 के आसपास के क्षेत्र को जांच का केंद्र बिंदु बनाया गया है. बाघ की मौत की जांच के लिए 20 सदस्यों की टीम को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसकी निष्पक्ष जांच के लिए वीटीआर के सीएफ जांच के दौरान घटनास्थल के नजदीक मौजूद रहते हैं. उनकी देखरेख में सभी सदस्य सबूतों को जुटाते हैं. जांच में वीटीआर प्रमंडल 1 के डीएफओ सह उप निदेशक अंबरीश मल्ल भी शामिल हैं.

बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोवर्धना क्षेत्र के सिरसिया वन परिसर में वन गश्ती के दौरान वन कर्मियों को एक मरा हुआ बाघ मिला था. जांच के दौरान नर बाघ की मौत के कारण अब तक पता नहीं चल सका है. बाघ की मौत के बाद से वन अधिकारियों में हड़कंप मच गया. हालांकि बाघ के पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. बाघ के बिसरा की जांच के लिए देहरादून वन्य जीव विधि प्रयोगशाला भेजा गया है.

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