वीर कुँवर सिंह विवि में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार, अनियमित क्लास, परीक्षा विभाग की मनमानी, पीएचडी और बीएड में मनमानी!

392

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

वीर कुँवर सिंह विवि में व्याप्त आर्थिक भ्रष्टाचार, अनियमित क्लास, परीक्षा विभाग की मनमानी, पीएचडी और बीएड में मनमानी, नित नए घोटालों के उजागर होने और दोषियों पर कार्रवाई ना होने के खिलाफ कतिरा परिसर में शाम को ‘बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे’ शीर्षक से प्रतिरोध सभा और कैंडल मार्च का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में लीड छात्र संगठन के सदस्य, विद्यार्थी और शोधछात्र तथा शहर के युवा साहित्यकारों ने शिरकत की। वीर कुँवर सिंह की प्रतिमा के समक्ष कैंडल जलाने के बाद सभा को संबोधित करते हुए चंदन ओझा ने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है और विवि प्रशासन नहीं चेता, भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों पर कार्रवाई ना हुई तो आंदोलन को गति दी जाएगी। अमित सिंह गौतम ने कहा कि विवि में कक्षाएं और परीक्षाएं अनियमित हैं, सत्र विलम्ब से चल रहे और बाहरी एजेंसियों को ज्यादा दरों पर काम दिया जा रहा है और वे एजेंसियां नामांकन, परीक्षा से लेकर मार्कशीट, डिग्री तक ठीक से देने में अक्षम हैं। अनिरूद्ध सिंह ने कहा कि पुस्तक खरीद घोटाला, उत्तर पुस्तिका घोटाला सबको लीपापोती किया जा रहा, प्राइवेट बीएड और सम्बद्ध कॉलेजों में मान्यता देने और सीटें बढ़ाने के नाम पर मानकों की जांच नहीं हो रही। विवि अपनी भूमि बचाने को लेकर भी उदासीन है । रवि प्रकाश सूरज ने कहा कि विवि कागजी डिग्री बांटने और घोटालों का केंद्र बन गया है। पीएचडी में यूजीसी और राजभवन के नियमों की धज्जियां उड़ रही है, शोधछात्रों के शोषण की खबरें आ रही। सभा में उपस्थित सिद्धार्थ वल्लभ, रवि शंकर सिंह, विक्रम प्रशांत, राकेश पांडेय, आयुष द्विवेदी सौरभ यादव, हर्ष सिंह, मृणाल भारद्वाज, निरंजन सिंह, सिद्धार्थ सिंह, संस्कार कृष्ण, दिनकर कुमार, गौरव सिंह, नवीन कुमार आदि सदस्यों ने विवि में शीघ्र ऑडिट कराने, सभी शिक्षकों और कर्मियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की जाँच, परीक्षा भवन की तानाशाही पर अंकुश लगाने, छात्रों की कक्षा में उपस्थिति सुनिश्चित करने, रेगुलेशन के मुताबिक साइट पर शोधछात्रों और गाइड का ब्यौरा उपलब्ध कराने, विवि को नेशनल डिपोजिटरी से जोड़ने और घोटालों की जांच स्वतंत्र रूप से करवाने की मांग पर सहमति जताई। सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटाए जाने और पिछले 8 महीनों से उनको वेतन नहीं दिए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया गया।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More