कोरोना संक्रमण -कोरोना संक्रमण से बचने का एकमात्र उपाय है वैक्सीनेशन : डीआईओ
• जिले के 84952 किशोर-किशोरियों को लग चुकी है टीके की पहली डोज
• खानपान से ज्यादा महत्वपूर्ण है पोषण युक्त खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल करना
आरा, 18 जनवरी | जिले में कोरोना का संक्रमण का तेज प्रसार जारी है। जिससे निपटने के लिये स्वास्थ्य विभाग की ओर से विरोधात्मक कार्रवाई व अभियान चलाये जा रहे हैं। वहीं, कोविड-19 वैक्सीनेशन के साथ जांच की रफ्तार भी तेज कर दी गई। ताकि जल्द से जल्द से अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सके और संक्रमण की रफ्तार को बढ़ावा नहीं मिले। इसी क्रम में बीते तीन जनवरी से 15 से 18 वर्ष तक के किशोरों के टीकाकरण के साथ 10 जनवरी से स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स व 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन को बूस्टर डोज देने की प्रक्रिया भी शुरू है। स्वास्थ्य केन्द्रों सहित उच्च विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्रों में टीकाकारण कार्य किया जा रहा है। टीकाकरण के साथ पंचायत क्षेत्र के गांवों में वहां के किसी विद्यालय, भवन या अन्य सार्वजनिक भवनों में एकत्रित 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का टीकाकरण के साथ-साथ संक्रमण से जागरूक भी किया जा रहा है।
वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी है :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, मंगलवार की दोपहर तक जिले में में लोगों को 27,13,398 डोज दिये जा चुके हैं। जिसमें 15,89,662 लोगों को टीके की पहली और 11,19,329 लाभार्थियों को टीके की दूसरी डोज दी जा चुकी है। वहीं, 84952 किशोर-किशोरियों को भी टीके की पहली डोज दी गयी है। इनके अलावा प्रीकॉशन डोज लेने वालों की संख्या 4,407 हो चुकी है। उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने हमलोगों के लिए कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन उपलब्ध कराई है। जो पूरी तरह से सुरक्षित और सौ फीसदी प्रभावी है। इसलिए सभी आयु वर्ग के लोग कोविड वैक्सीन को लेकर मन में पनप रही सभी भ्रांतियों को दरकिनार करें और वैक्सीनेशन के लिए आगे आएं। साथ ही, वे अपने आस-रहने वाले लोगों को भी वैक्सीन के सुरक्षित और प्रभावी होने की सही जानकारी जागरूक करें।
इम्युनिटी के विकास में खान-पान का खास महत्व :
अमूमन देखा जा रहा है कि कोरोना महमारी के इस दौर में हम अपने जीवनशैली में बदलाव के लिये मजबूर हैं। व्यक्तिगत स्वच्छता संबंधी हमारी आदतें व खानपान पहले हमारे पसंद व नापसंद पर आधारित हुआ करती थी। लेकिन बदलते वक्त के साथ आज स्वच्छता, स्वास्थ्य व पोषण का मुद्दा लोगों की प्राथमिकता में शुमार हो चुका है। वैश्विक महामारी ने हमें अपनी खानपान की आदतें व स्वच्छता संबंधी मामलों पर विशेष ध्यान देने के लिये विवश कर दिया है। अब तक ये स्पष्ट हो चुका है कि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक क्षमता के विकास में हमारा दैनिक खान-पान खास महत्वपूर्ण है। बीमारी के दौरान अच्छे खानपान से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि हम हमेशा पोषण युक्त खाद्य पदार्थ को अपने जीवन में शामिल करें। जो हमें किसी भी रोग से लड़ने के लिये जरूरी शक्ति प्रदान करता है। स्वच्छता संबंधी हमारी आदतें हमें अनगिनत बीमारियों से दूर रखती है।