शंखनाद से गूजंमान हुआ बक्सर- तुलसीदास जयंती पर हुआ अनोखा कार्यक्रम

217

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

शंखनाद से गूजंमान हुआ बक्सर- बक्सर से कपीन्द्र कगशोर की रिपोर्ट-5/7/2022- बक्सर जिलामुख्यालय के किला मैदान गुरुवार को 525 शंखों के शंखनाद से गुंजायमान हो गया. मौका था रामचरित मानस के रचयिता और महर्षि बाल्मिकी के अवतार कहे जाने वाले गोस्वामी तुसलीदास की 525 वीं जयंती महा महोत्सव का. यह आयोजन किला मैदान स्थित रामलीला मंच किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ आयोजन समिति के अध्यक्ष कृष्णानंद शास्त्री जी “पौराणिक”, श्रीराम जानकी मंदिर के महंत श्री राजाराम शरण दास, कार्यक्रम के संयोजक परशुराम चतुर्वेदी तथा बड़ी मठिया के महाराज द्वारा गोस्वामी जी तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर तथा 11 विद्वान पंडितों द्वारा हवन-पूजन कर किया गया. कार्यक्रम के दौरान एक साथ 525 शंखों से किए गए शंखनाद के कारण पूरा किला मैदान गुंजायमान हो गया. इस दौरान 525 दीप प्रज्वलित किए गए, साथ ही 525 लोगों के बीच अयोध्या के मिट्टी में रोपे गए तुलसी के पौधे बांटे गए. इतना ही नहीं गोस्वामी तुलसीदास की रचना सुंदरकांड का भी वितरण लोगों के बीच किया गया.
इस दौरान वक्ताओं ने कहाकि गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन हम सभी के लिए आदर्श स्वरूप है. गोस्वामी जी की कई रचनाएं हमारे जीवन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण हैं. हमें उनके द्वारा लिखित ग्रंथों का अध्ययन अनवरत करते रहना चाहिए. महंत राजाराम शरण दास जी महाराज ने उनके बाल्य काल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान शंकर की प्रेरणा से रामशैल पर रहने वाले श्री अनन्तानन्द जी के प्रिय शिष्य श्रीनरहर्यानन्द जी (नरहरि बाबा) ने रामबोला के नाम से बहुचर्चित हो चुके इस बालक को ढूंढ निकाला और विधिवत उसका नाम तुलसीराम रखा. तदुपरान्त वह उसे अयोध्या (उत्तर प्रदेश) ले गए और वहां संवत् 1561 माघ शुक्ला पंचमी (शुक्रवार) को उसका यज्ञोपवीत संस्कार सम्पन्न कराया. कार्यक्रम के संयोजक परशुराम चतुर्वेदी ने अतिथियों के स्वागत भाषण में कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस के माध्यम से भगवान के स्वरूप का जो चित्रण किया है उसे हमें सभी को अपनाना चाहिए

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More