हटाए गए नीतीश कुमार के चहेते गृह सचिव आमिर सुबहानी, राज्य में बड़ी संख्या में IAS-IPS अधिकरियों का तबादला
इंडिया सिटी लाइव(पटना)1जनवरी: बिहार में 31 दिसम्बर की देर रात बड़ी प्रशासनिक फेरबदल की गई है। राज्य में बड़ी संख्या में आईएएस आइपीएस अधिकारी इधर से उधर कर दिए गए हैं। देर रात सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद यह आइएएस व आइसीएस अधिकरियों का पहला बड़ा तबादला है।
सबसे हैरान करने वाली बात है कि नीतीश कुमार के चहेते गृह सचिव आमिर सुबहानी का तबादला कर दिया गया है। आमिर सुबहानी पिछले 15 सालों से गृह विभाग संभाल रहे थे। इसके साथ ही चंचल कुमार को सामान्य प्रशासन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। दरभंगा, कोसी, तिरहुत, पूर्णिया और मगध प्रमंडल के आयुक्त भी बदल गए हैं। बिहार राज्य योजना पर्षद की परामर्शी पुलिस महानिदेशक शोभा अहोतकर को बिहार गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशमन सेवा का महानिदेशक व समादेष्टा बनाया गया है। राज्य के 38 आइपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। एक दर्जन जिलों के एसपी भी बदले गए हैं।
सूत्रों की माने तो राज्य में इतने बड़े पेरबदल के पीछे बीजेपी का हाथ है और कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार को बीजेपी के आगे एक बार फिर से झुकना पड़ा है।बीजेपी के दवाब के कारण 15 साल से गृह सचिव के पद पर जमे आमिर सुबहानी को हटाना पड़ा है. इसको लेकर बीजेपी ने विरोध जताया था. आमिर सुबहानी की जगह अब के सेंथिल नए गृह सचिव बनाए गए हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों दरभंगा से बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान ने राज्य में बिगड़ी कानून व्यवस्था के खिलाफ बड़ा बयान दिया था. संजय पासवान ने कहा था कि बिहार में 15 साल से एक ही व्यक्ति गृह सचिव क्यों है, यह नीतीश कुमार को बताना चाहिए. बीजेपी एमएलसी ने कहा था कि आमिर सुबहानी बीते 15 साल से राज्य के गृह सचिव हैं. मुख्यमंत्री के पास अगर कोई इसका कारण या जवाब नहीं है तो फिर आमिर सुबहानी को हटाकर यह जिम्मा किसी दूसरे पदाधिकारी को दिया जाना चाहिए.
इतना ही नहीं बीजेपी एमएलसी ने यह भी कहा था कि नीतीश कुमार को गृह विभाग का दायित्व छोड़ देना चाहिए. संजय पासवान ने कहा है कि जरूरी नहीं कि गृह विभाग बीजेपी के किसी मंत्री के पास जाएं. नीतीश चाहे तो यह जेडीयू के पास ही रहे और उन्हीं की पार्टी का कोई मंत्री इस विभाग को देखे लेकिन बदलाव को वक्त की जरूरत है.
बताते चलें कि इन दिनों बिहार में आपराधिक घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। आये दिन हत्या, लूट और रेप की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिसको लेकर पहले भी बीजेपी नीतीश के सुशासन पर सवाल खड़ा कर चुकी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, सासाराम के सांसद छेदी पासवान और बीजेपी विधायक संजय सरावगी अपराध को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं.
अब राजनीतिक गलियारे में चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री के उपर ऐसे अधिकारियों को हटाने के लिए बीजेपी दबाव बना रही थी। यही कारण है कि इतने बड़े पैमाने पर राज्य में आईएएस,आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है।