जदयू  ने पटना में प्रस्तावित कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को कर दिया स्थगित

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क्या बिहार के सत्ता में काबिज पार्टी जदयू राजद के आरोप से डरने लगी है ? क्या नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को लग गया है कि यदि वह इस मामले में बोलेंगे तो उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ेगा? यह सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि बीते शाम राजद के एमएलसी ने नीतीश कुमार के ऊपर कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ों को गला काटने का आरोप लगाया था। उसके बाद अब जदयू  ने पटना में प्रस्तावित कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।

राजधानी पटना से वेटरनरी कॉलेज मैदान में 24 जनवरी को आयोजित होने वाले कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को जेडीयू ने स्थगित कर दिया है। इसके बाद अब इसको लेकर सवाल उठना शुरू हो गया है कि आखिर ऐसी क्या वजह रही की जेडीयू ने अपने इस कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय लिया है। जबकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कर्पूरी चर्चा लगी टीम से मुख्यमंत्री आवास में मिलाकर फीडबैक के बाद भी लिया था। उसे दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वेटनरी कॉलेज मैदान में कर्पूरी जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया जाए।

जब जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा से सवाल किया गया उन्होंने कहा कि ठंड की संभावना को ध्यान में रख इस आयोजन को स्थगित किया गया है। ऐसी उम्मीद थी कि इस कार्यक्रम में करीब 3 लाख लोग शामिल होते। ऐसे में इन्हें कहां ठहराया जाए यह समस्या थी। इस बारे में उच्च स्तर पर बैठक कर कार्यक्रम को स्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

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इससे पहले आरजेडी के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने अति पिछड़ों की बैठक में ये आंकड़ा दिया। रामबली सिंह ने कहा-नीतीश कुमार ने कर्पूरी ठाकुर के अति पिछड़ों का गला काट दिया। जिन अति पिछड़ों के लिए कर्पूरी जी ने अपनी जान की परवाह नहीं की थी, वह वर्ग अब भिखारी हो गया है। रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा-2015 में नीतीश कुमार ने तेली जाति को अति पिछड़ा बना दिया। ये वही तेली जाति है जो बिहार में सबसे ज्यादा टैक्स भरती है। नीतीश कुमार ने उसे अति पिछड़ा बना दिया।

रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा था कि नीतीश कुमार 2015 में तेली समेत तीन पावरफुल जाति को अति पिछड़ों की श्रेणी में शामिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाने वाले थे. मुझे एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दे दी। मैं भागा भागा हुआ लालू प्रसाद यादव के पास गया। मैंने लालू जी से कहा कि अगर ये ताकतवर जातियां अति पिछडे वर्ग में शामिल हो गयीं तो फिर क्या बचेगा।  जो अति पिछड़े हैं, उनका भविष्य चौपट हो जायेगा। लालू जी मेरी बातों से सहमत हो गये।  मैंने उनसे कहा कि आप नीतीश कुमार से बात करिये।  उस समय जेडीयू-आरजेडी की साझा सरकार थी लेकिन लालू यादव की हिम्मत नहीं हुई नीतीश कुमार से बात करने की।

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