बिहार में शराबबंदी कानून है। इसके जांच-पड़ताल को लेकर एक अलग पुलिस टीम का भी गठन किया गया है। इसके बाबजूद इस कानून के हालत क्या है वह किसी से छुपा हुआ नहीं है। एक ताजा मामला सहरसा से निकल कर सामने आ रहा है, जहां पुलिस पर गंभीर आरोप लगा है।
सहरसा के विशनपुर गांव में मुखिया प्रत्याशी मुकेश साह के घर पर पुलिस छापेमारी करने पहुंची। छापेमारी के क्रम में पुलिस की हाथ एक शराब की बोतल मिली वो भी आधा खाली। उसी दरमियान एक नाबालिक लड़का पुलिस की छापेमारी का विडियो बनाने लगा। इसको लेकर छापेमारी में आई पुलिस टीम ने विरोध जताना शुरू कर दिया। युवक की बुरी तरीके से पिटाई भी कर डाली।
पुलिस की पिटाई से नाबालिग की स्थिती नाजुक हो गई। जिन्हें परिजनो ने आनन फानन में सदर अस्पताल सहरसा लाया, जहां उसका ईलाज चल रहा है। पुलिस जब नाबालिक को पीट रही थी तो मुखिया प्रत्याशी मुकेश साह बचाने के लिए गया। इतने में पुलिस मुकेश साह की भी पिटाई की ओर थाने ले गई। थाना में थर्ड डिग्री टॉर्चर किया गया।
दूसरे दिन जब जेल भेजने की तैयारी में कोरोना जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया तो उसकी स्थिती देख डॉक्टर ने भर्ती कर लिया। जिसके बाद पुलिस की कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं इस बाबत सोनबरसा कचहरी थाना प्रभारी वर्षा कुमारी ने बताया कि मुकेश साह को हाय टेंशन के कारण तबीयत बिगड़ी, जिन्हे अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। वहीं पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा के पास आवेदन दिया गया तो उन्होने सदर एसडीपीओ संतोष कुमार को जांच का आदेश दिया।
जिसके बाद सदर एसडीपीओ संतोष कुमार सदर अस्पताल पहुंचकर मुकेश साह से पूरे मामले की जानकारी ली। सदर एसडीपीओ संतोष कुमार ने बताया कि जख्म तो है आगे एसपी साहब को जांच रिपोर्ट सौंपी जाएगी। वहीं ज़ख्मी से मिलने अस्पताल पहुंचे छातापुर विधायक नीरज कुमार बबलू, पुर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, नीरज गुप्ता, चन्दन बागची, राजीव रंजन साह सहित सैकड़ों लोगो ने घटना की निंदा की और आला अधिकारी से सोनबरसा कचहरी थाना प्रभारी पर उचित करवाई की मांग की है। ऐसे में इस मामले में क्या कुछ कार्यवाही होगी आगे देखना दिलचस्प होगा.